यह घटना शुक्रवार रात जलगांव एयरपोर्ट पर हुई, जब शिंदे मुक्ताईनगर में ‘संत मुक्ताबाई पालखी प्रस्थान समारोह’ में शामिल होने के बाद मुंबई लौट रहे थे। उसी दौरान एक महिला मरीज शीतल बोर्डे की मुंबई के लिए निर्धारित उड़ान छूट गई, जबकि उसे तुरंत किडनी ट्रांसप्लांट (गुर्दा प्रत्यारोपण) सर्जरी के लिए मुंबई के अस्पताल में भर्ती होना था।
अपनी विमान छूटने से परेशान शीतल ने जब एयरपोर्ट पर मौजूद स्थानीय शिवसेना कार्यकर्ताओं से मदद की गुहार लगाई, तो उन्होंने तुरंत राज्य के मंत्री गिरीश महाजन से संपर्क किया। महाजन ने उपमुख्यमंत्री शिंदे को स्थिति से अवगत कराया। इसके बाद शिंदे ने बिना किसी देरी के शीतल और उनके पति को अपने चार्टर्ड विमान से मुंबई ले जाने की अनुमति दी।
सफर के दौरान शिवसेना प्रमुख व उपमुख्यमंत्री शिंदे ने खुद महिला मरीज से बातचीत कर उसकी तबीयत और इलाज की जानकारी ली। मुंबई पहुंचते ही उन्होंने विशेष एम्बुलेंस की व्यवस्था करवाई और महिला की अस्पताल में भर्ती की पूरी प्रक्रिया पर नजर भी रखी।
हालांकि, बाद में यह जानकारी सामने आई कि मरीज और दानकर्ता के गुर्दे का मेल न होने के कारण ट्रांसप्लांट सर्जरी नहीं हो सकी। हालांकि उपमुख्यमंत्री द्वारा दिखाई गई तत्परता और मानवीयता की सराहना हर कोई कर रहा है।
बताया जा रहा है कि उस दिन शिंदे की चार्टर्ड फ्लाइट आधे घंटे से अधिक देरी से जलगांव एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी। दरअसल, पायलट की तबीयत खराब होने और कुछ तकनीकी दिक्कतों की वजह से यह देरी हुई, लेकिन यही देरी किसी के लिए जीवन की उम्मीद बन गई।