राज ठाकरे ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को समर्थन दिया था, लेकिन उनकी पार्टी मनसे ने पिछले साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ा। हालांकि मनसे का खाता भी नहीं खुल पाया। इस बीच, सूबे में निकाय चुनावों की आहट के बीच हाल ही में राज ठाकरे ने अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (UBT) के साथ गठबंधन करने का संकेत दिया। लेकिन अब उनका बीजेपी के कद्दावर नेता फडणवीस से अचानक मिलना कई नए राजनीतिक समीकरणों की ओर इशारा कर रहा है।
मुंबई के बांद्रा स्थित ताज लैंड्स एंड होटल में आज सुबह मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के बीच सीक्रेट मीटिंग हुई। तो दूसरी ओर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के दो प्रमुख नेता संदीप देशपांडे और अमेय खोपकर राज्य सरकार के मंत्री व शिंदे गुट के वरिष्ठ नेता उदय सामंत से मिलने पहुंचे। हालांकि इस मुलाकात का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। लेकिन शिंदे गुट के बड़े नेता और राज्य के सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट ने खुले तौर पर राज ठाकरे को शिवसेना (शिंदे गुट) के साथ आने का ऑफर दिया है।
मनसे प्रमुख की सीएम फडणवीस से यह गुप्त मुलाकात ऐसे वक्त पर हुई है जब महाराष्ट्र में बीजेपी, शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार गुट) साथ मिलकर आगामी बीएमसी चुनाव की रणनीति तैयार कर रही है। ऐसे में राज ठाकरे का बीजेपी की ओर झुकाव उद्धव सहित पूरे विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाडी (MVA) के लिए बड़ा झटका समझा जा रहा है।
कुछ दिन पहले राज ठाकरे ने कहा था कि मराठी मानुस और महाराष्ट्र के हित में एकजुट होना मुश्किल नहीं है, वहीं उद्धव ने इस बात पर जोर दिया कि वह मामूली झगड़ों को भूलने के लिए तैयार हैं, लेकिन महाराष्ट्र के हितों के खिलाफ काम करने वालों से समझौता नहीं किया जाएगा।
हालांकि अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में राज ठाकरे किस पाले में नजर आते हैं, क्या वे दो दशक पुराने मतभेद भुलाकर उद्धव ठाकरे के साथ विपक्ष की भूमिका निभाएंगे या बीजेपी के साथ खड़े होकर सत्ता समीकरणों में अहम मोहरा बनेंगे।