प्राप्त जानकारी के अनुसार, आर्यन एविएशन कंपनी का हेलीकॉप्टर सुबह 5:17 बजे केदारनाथ से गुप्तकाशी के लिए रवाना हुआ था। हेलिकॉप्टर में पायलट सहित कुल सात लोग सवार थे। यह दुर्घटना गौरीकुंड और त्रियुगीनारायण के बीच घने जंगलों में हुई, जब हेलिकॉप्टर अत्यधिक कोहरे और तेज हवाओं के कारण अपना संतुलन खो बैठा और क्रैश हो गया।
उत्तराखंड पुलिस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) एडीजी डॉ. वी मुरुगेशन ने बताया कि प्रारंभिक जांच में खराब मौसम को इस भीषण हादसे का मुख्य कारण माना गया है। दुर्घटना में पायलट समेत सभी सात लोगों की मौत हुई है। राहत और बचाव कार्य में जुटी टीम को खराब मौसम और घने कोहरे के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
यवतमाल जिले के ट्रांसपोर्ट व्यवसायी राजकुमार जायसवाल, श्रद्धा और उनकी दो साल की बेटी काशी 12 जून को केदारनाथ के लिए निकले थे। दुर्भाग्यवश, यह यात्रा उनके जीवन की अंतिम यात्रा बन गई। वणी में जैसे ही इस हादसे की खबर पहुंची, शोक की लहर दौड़ गई। इस त्रासदी के बीच एक राहत की खबर यह रही कि जायसवाल दंपत्ति का बेटा विवान जो केदारनाथ धाम यात्रा में उनके साथ नहीं था वह सुरक्षित है, दरअसल विवान अपने पांढरकवड़ा स्थित दादा-दादी के घर पर था।
उत्तराखंड प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया है। साथ ही, इस हादसे की गंभीरता को देखते हुए दुर्घटना की जांच के आदेश भी दिए गए हैं। पीड़ितों के शव बुरी तरह जल चुके थे, इसलिए डीएनए टेस्ट के जरिए उनकी पहचान की जाएगी और उन्हें उनके परिवारों को सौंप दिया जाएगा।
केदारनाथ धाम देश के सबसे प्रतिष्ठित तीर्थस्थलों में गिना जाता है, लेकिन यहां की कठिन भौगोलिक स्थिति और तेजी से बदलते मौसम के कारण यात्रा हमेशा जोखिमपूर्ण मानी जाती है। महज जून महीने के पहले 15 दिनों में यहां हेलिकॉप्टर से जुड़ी दो घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे एक बार फिर श्रद्धालुओं की सुरक्षा और हवाई सेवाओं की निगरानी पर सवाल उठ खड़े हुए हैं।