इसके उलट उन्होंने हिंगोली से उबाठा सांसद नागेश पाटिल को व्यक्तिगत रूप से फोन कर बधाई दी, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल है। इस कदम को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हैं, क्या यह केवल औपचारिकता थी या फिर बीजेपी के वरिष्ठ नेता का कोई रणनीतिक संदेश था? ठाकरे गुट और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच इस मुद्दे पर चर्चा जोरों पर है।
गौरतलब है कि नागेश पाटिल और ठाकरे का जन्मदिन एक ही दिन होता है। ठाकरे ने भी नागेश को शुभकामनाएं दी थीं, लेकिन अमित शाह की कॉल को विशेष राजनीतिक नजरिए से देखा जा रहा है। इस घटना से ठाकरे गुट के आंतरिक समीकरणों और बीजेपी की संभावित रणनीति को लेकर अटकलें और गहराने लगी हैं।
ठाकरे भाईयों के मुलाकात पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इस मुलाकात को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए। नागपुर में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, यह खुशी की बात है कि उद्धव ठाकरे के जन्मदिन पर राज ठाकरे उन्हें शुभकामनाएं देने गए थे। यह एक व्यक्तिगत और पारिवारिक क्षण है, जिसे राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे को उनके जन्मदिन पर बधाई दी और उनके स्वस्थ एवं दीर्घायु जीवन की कामना की।
बता दें कि राज ठाकरे ने 2005 में उद्धव से मतभेदों के चलते शिवसेना छोड़ी थी और अपनी अलग पार्टी मनसे यानी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना बनाई थी। तब से दोनों नेताओं ने चुनावों में एक-दूसरे के खिलाफ लड़ाई लड़ी। दो दशक से राजनीतिक रूप से अलग रहे दोनों ठाकरे भाई जुलाई महीने की शुरुआत में पहली बार एक साझा मंच पर आए। 5 जुलाई को हिंदी भाषा के विरोध में दोनों ने मुंबई में विजय रैली निकाली थी। उद्धव ने यह संकेत भी दिया कि वे आगामी नगर निगम चुनाव साथ मिलकर लड़ सकते हैं। लेकिन राज ठाकरे ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले है।