अलापुर डकैती कांड: एक आरोपी व बंदूक राजस्थान से बरामद
परिजन व गाडिय़ों को भी उठाकर लाई पुलिस, नगर व धौलपुर के गुर्जर समाज के लोग जनप्रतिनिधियों के यहां पहुंचे, कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे परिजन, जिस क्राइम ब्रांच को एसपी ने भंग किया, अब उसी के सहारे छोड़ी पुलिस व्यवस्था
मुरैना. जौरा थाना क्षेत्र के अलापुर से एक जुलाई की रात को भाजपा नेता राजकुमार यादव के यहां हुई डकैती के आरोपियों तक पुलिस पहुंच गई है। घटना में मुरैना सहित राजस्थान के बदमाश शामिल हैं।
राजस्थान के नगर गांव में पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ के नेतृत्व में जौरा थाना प्रभारी उदयभान यादव, ओ पी रावत, अभिषेक जादौन, रामबाबू यादव, दीपेन्द्र यादव धौलपुर पुलिस के साथ बुधवार को नगर गांव में दबिश दी। वहां से डकैती में शामिल एक आरोपी और एक बंदूक को जब्त कर लिया है। हालांकि पुलिस अधिकारी सफलता की कहानी गढऩे में जुटे हैं, इसलिए अभी कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं। थाना प्रभारी जौरा उदयभान यादव का कहना हैं कि डकैती में कुछ महत्वपूर्ण क्लू मिले हैं, जल्द ही खुलासा कर दिया जाएगा।
मुरैना एसपी की बहादुरी के चर्चा फिर आए सडक़ पर
मुरैना पुलिस अधीक्षक लॉ इन ऑर्डर के मामले में स्पॉट पर नहीं पहुंचने के लिए विख्यात हैं। जब से मुरैना आए हैं, तब से कोई भी बड़ा घटनाक्रम जैसे हाईवे जाम, कलेक्टर बंगले का घेराव, पीएम हाउस पर घंटों हंगामा होने जैसे मामलों में मौके नहीं पहुंचना अभी तक चर्चा में था लेकिन अब उनकी बहादुरी की एक और चर्चा सामने आई है। धौलपुर के नगर गांव में डकैती के आरोपियों के छिपे होने की खबर पर मुरैना पुलिस के साथ एसपी भी गए थे लेकिन वह राजघाट पर ही रहे, वहीं से पूरे घटनाक्रम की लोकेशन लेते रहे जबकि धौलपुर एसपी मुरैना पुलिस के साथ स्वयं नगर गांव पहुंचे और एक आरोपी पकड़वाने में अपनी भूमिका निभाई। उक्त आरोपी के कब्जे से एक बंदूक भी बरामद कर ली गई है।
कोर्ट की शरण ले सकते हैं राजस्थान के लोग
अलापुर डकैती के मामले में पुलिस ने राजस्थान के नगर, मौरोली गांव में जो तांडव किया है। वहां से तमाम लोगों को पूछताछ के नाम पर और दबाव बनाने के नाम पर उनके कई वाहनों को भी उठाया गया है, इसको लेकर राजस्थान के गुर्जर समाज में आक्रोश व्याप्त है। वहां के समाज के प्रमुख लोग राजस्थान के जनप्रतिनिधियोंसे मिले हैं और उन्होंने कहा है कि अपराधी के अलावा निर्दोष लोगों को पुलिस उठाकर ले गई है, उनको जल्द ही नहीं छोड़ा तो न्यायालय में प्राइवेट स्थगासा लगाई जाएगी।
आखिर क्राइम ब्रांच से एसपी का इतना मोह क्यों ?
पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ जब मुरैना आए थे तब क्र्राइम ब्रांच को भंग कर दिया था, खासकर क्राइम के ऐसे कुछ सिपाही जो क्राइम के नाम पर लूट खसोट में शामिल रहे, उनसे दूरियां बना ली थीं। लेकिन अचानक पुलिस अधीक्षक का ऐसा कौनसा प्रेम जाग गया कि फिर से क्राइम ब्रांच का गठन करना पड़ा और जिन लोगों को हटाया, उनको ही शामिल किया गया। अगर क्राइम ब्रांच का गठन करना ही था और जिले में और भी पुलिस अधिकारी व सिपाही थे, जो बेहतर काम करते रहे हैं। विवादित स्टाफ को फिर से क्यों रखा गया, यह जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है।