दक्षिणी जिलों में लगातार जारी है बारिश
प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों जैसे बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में बीते कई दिनों से रुक-रुक कर बारिश हो रही है। बुधवार को वाराणसी, सुल्तानपुर, प्रयागराज और आसपास के जिलों में अच्छी बारिश देखने को मिली। मौसम विभाग ने बृहस्पतिवार को भी इन क्षेत्रों में तेज बारिश की संभावना जताई है। खासकर जिन जिलों में लगातार पानी गिर रहा है, वहां बाढ़ या जलभराव की स्थिति बन सकती है।
बदला मानसून का मिजाज, बना नया निम्न दबाव क्षेत्र
लखनऊ स्थित आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार झारखंड के आसपास बना अवदाब अब कमजोर पड़ चुका है, लेकिन इसके प्रभाव से एक नया निम्न दबाव क्षेत्र बना है जो अब पूर्वी उत्तर प्रदेश की ओर तेजी से बढ़ रहा है। इसकी वजह से गुरुवार को बुंदेलखंड, विंध्य क्षेत्र और दक्षिणी यूपी में व्यापक बारिश के संकेत मिल रहे हैं।
11 जिलों में भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने बांदा, चित्रकूट, कौशांबी, प्रयागराज, फतेहपुर, सोनभद्र, मिर्जापुर, हमीरपुर, महोबा, झांसी और ललितपुर जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में अत्यधिक भारी बारिश की आशंका है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है। साथ ही इन क्षेत्रों में तेज हवाएं, वज्रपात और सड़क मार्गों में अवरोध की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
इन 19 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी
ऑरेंज अलर्ट के अलावा 19 अन्य जिलों में भी भारी बारिश की संभावना जताई गई है। इनमें प्रतापगढ़, चंदौली, वाराणसी, भदोही, जौनपुर, कानपुर नगर, कानपुर देहात, रायबरेली, अमेठी, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, अमरोहा, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, जालौन और मुरादाबाद शामिल हैं। इन जिलों में बारिश के साथ आंधी-तूफान और वज्रपात की स्थिति बनने की पूरी संभावना है।
मुरादाबाद जिले में भी अलर्ट, प्रशासन ने दिए निर्देश
मौसम विभाग की चेतावनी के बाद मुरादाबाद जिला प्रशासन भी सतर्क हो गया है। बीते कुछ दिनों में जिले के कई हिस्सों में रुक-रुक कर बारिश हो रही है जिससे निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बन रही है। प्रशासन ने सभी संबंधित विभागों को अलर्ट पर रहने को कहा है और आपदा राहत टीमों को सक्रिय कर दिया गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके।
58 जिलों में आकाशीय बिजली गिरने की चेतावनी
मौसम विभाग ने चेताया है कि उत्तर प्रदेश के 58 जिलों में वज्रपात यानी आकाशीय बिजली गिर सकती है। किसानों, ग्रामीणों और खुले में काम कर रहे लोगों को सलाह दी गई है कि वे आसमान में बिजली चमकते ही खुले स्थानों, पेड़ों और टिन शेड जैसे धातु वाली जगहों से दूर हो जाएं। साथ ही मोबाइल फोन या लोहे के उपकरणों का प्रयोग खुले में न करें।