दो दिन पहले राणा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया था, जिसमें उन्होंने सांसद इकरा हसन से निकाह करने की इच्छा जाहिर की थी और कुछ शर्तें भी रखीं। इस बयान को लेकर महिला सम्मान, संसदीय गरिमा और सामाजिक सौहार्द को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा है।
महिला वकील की शिकायत पर हुई कानूनी कार्रवाई
यह पूरा मामला रविवार रात उस समय तेजी से आगे बढ़ा, जब महिला अधिवक्ता सुनीता ने मुरादाबाद के कटघर थाने में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में उन्होंने कहा कि योगेंद्र सिंह राणा की टिप्पणी बेहद अपमानजनक और लज्जाजनक है, जो न केवल एक महिला जनप्रतिनिधि की गरिमा को ठेस पहुंचाती है, बल्कि समाज में तनाव फैलाने का भी काम करती है। पुलिस ने मामला संज्ञान में लेते हुए आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोप गंभीर हैं और जांच शुरू कर दी गई है।
वीडियो में क्या बोले थे योगेंद्र सिंह राणा?
शनिवार को सोशल मीडिया पर जारी वीडियो में योगेंद्र सिंह राणा ने कहा था- “मैं कैराना की सांसद इकरा हसन से निकाह कबूल करता हूं, अगर वो भी करें। वह मुस्लिम धर्म में रहें, मेरे घर में नमाज पढ़ें, मुझे कोई ऐतराज नहीं है।” इसके बाद उन्होंने एक शर्त भी जोड़ी- “बशर्ते असदुद्दीन ओवैसी और अकबरुद्दीन ओवैसी मुझे जीजा कहकर बुलाएं।” राणा ने आगे कहा- “मैं तिलक लगाऊंगा क्योंकि हमें यहीं रहना है और हिंदू-मुस्लिम भाईचारा जरूरी है।” हालांकि इस वीडियो के वायरल होते ही विवाद खड़ा हो गया, जिसके कुछ घंटों बाद राणा ने वीडियो डिलीट कर दिया, लेकिन तब तक यह बयान सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल चुका था।
मुस्लिम समाज और नेताओं की कड़ी प्रतिक्रिया
वीडियो वायरल होते ही देशभर में मुस्लिम समाज में आक्रोश फैल गया। पूर्व सांसद एसटी हसन ने इस बयान को संसद और पूरे मुस्लिम समाज का अपमान बताया। उन्होंने कहा कि यह न केवल इकरा हसन के खिलाफ, बल्कि देश की लोकतांत्रिक गरिमा के भी खिलाफ है। वहीं कई मुस्लिम संगठनों और नेताओं ने भी इस बयान की कड़ी आलोचना की और योगेंद्र सिंह राणा के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
नेता राणा फरार, तलाश में जुटी पुलिस
पुलिस के अनुसार, योगेंद्र सिंह राणा के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है और उनकी लोकेशन ट्रेस करने की कोशिश की जा रही है। हालांकि एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही वे फरार हैं और उनका मोबाइल फोन भी बंद है।