समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संसद में खड़गे को गले लगाकर जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। इस मुलाकात की तस्वीरें सामने आते ही यह चर्चा शुरू हो गई कि क्या 2027 के यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दल एकजुट हो रहे हैं?
सिर्फ शुभकामनाओं तक सीमित नहीं रहे अखिलेश यादव, बल्कि उन्होंने खड़गे के साथ ग्रुप फोटो भी खिंचवाई। यह पहली बार नहीं है जब विपक्षी नेताओं के बीच सदन में ऐसा सौहार्दपूर्ण दृश्य देखने को मिला हो, लेकिन इस बार का समय और परिस्थिति इसे विशेष बना रहे हैं।
राहुल और प्रियंका ने भी मनाया खड़गे का जन्मदिन
खड़गे के जन्मदिन पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने भी संसद में केक काटकर उन्हें बधाई दी। राहुल गांधी ने खुद पार्टी नेताओं को केक सर्व किया। इस छोटे से आयोजन में जो आत्मीयता दिखी, उसने विपक्षी एकता की नई तस्वीर पेश की।
अखिलेश-खड़गे की मुलाकात से क्या संकेत मिल रहे हैं?
सपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि यह केवल दो नेताओं की मुलाकात नहीं थी, बल्कि यह दो प्रमुख विपक्षी दलों के राष्ट्रीय अध्यक्षों की आपसी समझ का प्रतीक है। इस मुलाकात को लोकसभा के आगामी मानसून सत्र से पहले हुई रणनीतिक बातचीत के रूप में भी देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि विपक्ष एकजुट होकर केंद्र सरकार को संसद में घेरने की तैयारी कर रहा है।
राहुल गांधी का हमला: विपक्ष को बोलने नहीं देती सरकार
रायबरेली से सांसद राहुल गांधी ने संसद में सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “सवाल यह है कि सरकार के लोग तो बोल सकते हैं, लेकिन विपक्ष का नेता बोलना चाहता है तो उसे मौका नहीं दिया जाता। मैं विपक्ष का नेता हूं और मुझे बार-बार रोका जाता है। लोकतांत्रिक परंपराओं में विपक्ष की बात सुनना भी जरूरी है।”
भाजपा का पलटवार: ‘राष्ट्रहित सर्वोपरि’
वहीं आगरा से भाजपा सांसद एसपी सिंह बघेल ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री की बात से सभी को सहमत होना चाहिए। राष्ट्रहित, अखंडता और अस्मिता सर्वोपरि होती है। पीएम ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए सेना को बधाई दी है, यह गर्व की बात है।”
सपा के सांसदों ने सरकार से मांगा जवाब
अयोध्या से सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने संसद में कहा, “देश जानना चाहता है कि पहलगाम हमले के बाद सरकार ने क्या कदम उठाए। हमारे देश में जब भी हमला होता है, सभी राजनीतिक दल एकजुट हो जाते हैं। इस बार भी ऐसा ही हुआ। अब जनता को जवाब चाहिए कि विदेशी संबंधों पर इसका क्या असर पड़ा।”
संभल के सांसद बोले- सरकार को घेरेंगे
संभल से सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि मानसून सत्र में सपा जनहित के मुद्दों पर सरकार को घेरेगी। उन्होंने कहा, “हम उत्साहित हैं, क्योंकि लंबे समय बाद संसद चलने जा रही है। अब हम बेरोजगारी, महंगाई और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर सरकार को जवाबदेह बनाएंगे।”
भाजपा सांसद अरुण गोविल बोले- कांवड़ यात्रा शांतिपूर्ण
मेरठ से भाजपा सांसद अरुण गोविल ने कांवड़ यात्रा की व्यवस्थाओं की सराहना की और कहा, “कांवड़ यात्रा इस बार भी शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित तरीके से पूरी होगी। कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहतरीन है। ऑपरेशन सिंदूर की भी जितनी तारीफ की जाए, कम है।”
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद की मांग- मिले जानकारी
सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सरकार को पारदर्शिता दिखानी चाहिए। उन्होंने कहा, “हम संसद में चर्चा चाहते हैं। इस ऑपरेशन से हमने क्या हासिल किया, इसकी पूरी जानकारी दी जानी चाहिए। यह लोकतंत्र का मंदिर है, यहां जवाब मिलना चाहिए।”
भाजपा सांसद जगदंबिका पाल का कटाक्ष- कांग्रेस को हंगामा करना पसंद
डुमरियागंज से भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने विपक्ष खासकर राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा, “प्रधानमंत्री सदन में लगातार जवाब दे रहे हैं। लेकिन कांग्रेस का रवैया अब सिर्फ हंगामे तक सीमित रह गया है। राहुल गांधी खुद सदन में नहीं बैठते, और बाहर सवाल उठाते हैं। देश यह देख रहा है कि विपक्ष केवल व्यवधान उत्पन्न करना चाहता है।” अखिलेश यादव और मल्लिकार्जुन खड़गे की मुलाकात और गर्मजोशी, साथ ही राहुल गांधी की आक्रामकता से यह संकेत जरूर मिल रहा है कि विपक्ष आगामी सत्र में संगठित होकर सरकार को घेरने की रणनीति पर काम कर रहा है। अब देखना यह है कि यह सौहार्द संसद के भीतर मुद्दों पर बहस में बदलता है या यह केवल एक राजनीतिक इशारा भर बनकर रह जाता है।