अस्पताल संचालक से की गई थी 50 लाख की मांग
हाईफील्ड स्पेशलिटी हॉस्पिटल और जेएमसी मेडिसिटी स्पेशलिटी हॉस्पिटल का संचालन करने वाले विशाल सलोनिया ने बताया कि 8 जुलाई को CGHS के अपर निदेशक अजय कुमार और मुख्य निरीक्षक लवेश सोलंकी ने उनके अस्पतालों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान दोनों ने खामियां गिनाते हुए पैनल निलंबन के लिए नोटिस जारी किया और पैनल बनाए रखने के लिए 50 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की।
रकम न देने पर एक अस्पताल का पैनल किया निलंबित
भ्रष्ट अधिकारियों ने धमकी दी कि यदि रकम नहीं दी गई तो दोनों अस्पतालों के पैनल निलंबित कर दिए जाएंगे। रकम न मिलने पर जेएमसी मेडिसिटी का CGHS पैनल निलंबित कर दिया गया। इसके बाद अफसरों ने हाईफील्ड स्पेशलिटी हॉस्पिटल का पैनल निरस्त करने की चेतावनी दी।
अस्पताल संचालक ने सबूत जुटाकर की शिकायत
विशाल सलोनिया ने पूरी बातचीत को रिकॉर्ड कर लिया और तीन दिन पहले दिल्ली स्थित CBI कार्यालय से संपर्क किया। सीबीआई टीम ने योजना बनाकर CGHS कार्यालय की रेकी की और सबूत इकट्ठा किए। तय समय पर रिश्वत की पहली किश्त पांच लाख रुपये देने के दौरान सीबीआई ने तीनों आरोपियों अजय कुमार, लवेश सोलंकी और निजी कर्मचारी रईस को रंगेहाथ पकड़ लिया।
घर और दफ्तर में हुई तलाशी
सीबीआई टीम ने गिरफ्तारी के बाद अजय कुमार और लवेश सोलंकी के घर और कार्यालय में तलाशी अभियान चलाया। देर रात तक तलाशी के बाद तीनों को सीबीआई अपने साथ ले गई। आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।