मिली जानकारी के अनुसार, नोटिस में कहा गया है कि भूमियों पर पाइपलाइन बिछाने के लिए उपयोग का अधिकार अर्जित होने पर जमीन का स्वामित्व और भूमि पर कब्जा भूमि मालिक का ही रहेगा। लेकिन, किसान यहां पर किसी भी जमीन पर घर का निर्माण नहीं कर सकेंगे। इसके अलावा कुआं और बोर की खुदाई नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा पेड़ भी नहीं लगा सकेंगे। केवल कृषि कार्य के लिए ही जमीन उपयोग में लाई जा सकेगी।
हालांकि,
नोटिस को लेकर ग्रामीणों में असमंजस की स्थिति बरकरार है और कई किसानों ने नोटिस पर हस्ताक्षर भी कर दिया है। लाफिनखुर्द के ग्रामीणों का कहना है कि अभी भी कई ग्रामीणों को इसकी जानकारी भी नहीं है। कई लोगों को कंपनी का नोटिस समझ में नहीं आ रहा है। लाफिनखुर्द ग्राम की सरपंच जानकी साहू ने बताया कि पेट्रोलियम कंपनी द्वारा पंचायत से सहमति ली गई है और जमीन का मालिकाना हक किसानों का ही रहेगा। किसानों को नोटिस दिया जा रहा है।
21 दिवस के भीतर दावा-आपत्ति
यदि किसी किसान को नोटिस पर आपत्ति है तो 21 दिन के भीतर दावा-आपत्ति करना होगा। लिखित आपत्ति, स्वयं डाकपत्र के माध्यम से व प्राधिकृत अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय सक्षम अधिकारी विशाखापट्टनम-रायपुर पाइपलाइन परियोजना एचपी कॉपेरोशन डी 64 कमल विहार में करना होगा। प्रभावित होने वाले भूस्वामियों से कंपनी की टीम घर-घर पहुंचकर नोटिस दे रही है। बताया जा रहा है कि सात से आठ फीट गहरा गड्ढा होगा। इसमें पाइपलाइन बिछाई जाएगी।
चर्चा का बाजार गर्म
पाइपलाइन गुजरने से किसानों को क्या फायदा होगा, इसको लेकर गांव में चर्चाओं का बाजार गर्म है। हालांकि, अब तक किसी किसान ने पाइपलाइन बिछाने को लेकर आपत्ति दर्ज नहीं कराई है।