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छह साल में तीन नपाध्यक्ष बदल गए, फिर भी इंडोर स्टेडियम का काम अधूरा… आखिर क्या है वजह? जानिए

CG News: छह साल में तीन नपाध्यक्ष बदल गए। फिर भी इंडोर स्टेडियम का पूरा नहीं हो पाया है। कुछ कार्य फंड की कमी के कारण भी अटका हुआ है।

महासमुंदMay 26, 2025 / 01:42 pm

Khyati Parihar

इंतजार की इंतेहा ( फोटो सोर्स- पत्रिका)

इंतजार की इंतेहा ( फोटो सोर्स- पत्रिका)

CG News: छह साल में तीन नपाध्यक्ष बदल गए। फिर भी इंडोर स्टेडियम का पूरा नहीं हो पाया है। कुछ कार्य फंड की कमी के कारण भी अटका हुआ है। अब अगले साल ही इसकी सौगात मिलने की उम्मीद है।
संजय कानन के सामने इंडोर स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है। कुछ कार्य शेष होने के कारण नपा को हैंडओवर नहीं हो पाया है। बताया जाता है कि ठेकेदार को निर्माण का भुगतान होने के बाद इंडोर स्टेडियम को हैंडओवर किया जाएगा। पहले कहा गया था कि इसे बैडमिंटन, टेबल टैनिस व अन्य खेलों के लिए विकसित किया जाएगा। फिर कहा गया इसे बहुद्देशीय हॉल के रूप में विकसित किया जाएगा। इस कारण इंडोर स्टेडियम में कोई कोर्ट नहीं बनाया गया है। केवल पत्थर लगाए गए हैं।
इंडोर स्टेडियम का रंगरोगन भी कर दिया गया था और अब बारिश के बाद फिर से दीवारों के रंग उखड़ने लगे हैं। निर्माण पूरा होने के बाद फिर से रंगरोगन करना पड़ेगा। नगर पालिका अध्यक्ष निखिलकांत साहू ने बताया कि कुछ निर्माण कार्य शेष होने के कारण अभी इसका हैंडओवर नहीं हो पाया है। हैंडओवर होने के बाद खिलाड़ियों के लिए इसे खोल दिया जाएगा।

ग्रामीणों को भी मिलेगा लाभ

इंडोर स्टेडियम प्रारंभ होने के बाद आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों को भी इसका लाभ मिल सकेगा। स्टेडियम से खैरा और लभराखुर्द पास में है। यहां बैडमिंटन व अन्य खेल खेलने वाले खिलाड़ियों को इसका लाभ मिलेगा। महासमुंद शहर में जिला स्तरीय और राज्य स्तरीय प्रतियोगिता हो सकेगी।
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वन विभाग के मैदान सिंथेटिक ट्रैक की देखरेख नहीं

वन विभाग के मैदान में सिंथेटिक ट्रैक का निर्माण किया गया है। इसकी भी देखरेख नहीं हो रही है। आए दिन यहां सिंथेटिक ट्रैक पर कोई क्रिकेट या कोई साइकिल चलाते हुए दिख जाता है। जिससे ट्रैक को नुकसान हो सकता है। प्रतिदिन सुबह बड़ी संया में धावक यहां अभ्यास करने पहुंचते हैं।

फंड की रही कमी

इंडोर स्टेडियम का निर्माण पूर्व नपाध्यक्ष पवन पटेल के समय शुरू हुआ था। 2020 में कोरोनाकाल व फंड के अभाव में सीलिंग और कोर्ट बनाने का कार्य अटका रहा। 2022-23 में 35 लाख रुपए फॉल्स सीलिंग व अन्य कार्य के लिए जारी किया गया। बाद आगे का कार्य शुरू हुआ। फॉल्स सीलिंग का कार्य ऊंचाई ज्यादा होने से एक साल तक चला। जबकि, संजय कानन के पास ही मंगल भवन देर से शुरू होकर पहले बन गया है।

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