खरीद मूल्य और प्रक्रिया
सरकार ने मक्का के लिए ₹2225 प्रति कुंतल की दर निर्धारित की है। यह मूल्य कृषि उपजों की सरकारी खरीद के लिए तय की गई न्यूनतम समर्थन मूल्य नीति के तहत घोषित किया गया है। मक्का की यह खरीद राज्य के 22 चिन्हित जनपदों में निर्धारित क्रय केंद्रों पर की जाएगी, जो प्रतिदिन सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक खुले रहेंगे।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि केवल उन्हीं किसानों से मक्का की खरीद की जाएगी जिन्होंने fcs.up.gov.in या ‘UP Kisan Mitra’ मोबाइल ऐप के माध्यम से पंजीकरण कराया हो। यह पंजीकरण अनिवार्य है और पंजीकरण के लिए किसान को अपने मोबाइल नंबर से OTP सत्यापन करना होगा।
किन जनपदों में होगी मक्का की खरीद
यह खरीद बदायूं, बुलंदशहर, अलीगढ़, एटा, कासगंज, फिरोजाबाद, हाथरस, मैनपुरी, हरदोई, उन्नाव, कानपुर नगर, औरैया, कन्नौज, इटावा, फर्रुखाबाद, बहराइच, बलिया, गोंडा, संभल, रामपुर, अयोध्या और मीरजापुर जनपदों में की जाएगी। प्रत्येक जनपद में क्रय केंद्रों की स्थापना की गई है जहां किसानों को उपज बेचने की पूरी स्वतंत्रता दी गई है। सीधे खाते में भुगतान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मक्का का भुगतान किसानों को पारदर्शी और तेज तरीके से किया जाए। इसके तहत सरकार ने ‘पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम’ (PFMS) के जरिए सीधे किसानों के आधार से लिंक किए गए बैंक खातों में भुगतान की व्यवस्था की है। इसके लिए यह अनिवार्य किया गया है कि किसान का बैंक खाता NPCI पोर्टल पर मैप और सक्रिय होना चाहिए। किसानों की सुविधा के लिए सरकार ने नॉमिनी सिस्टम भी लागू किया है ताकि किसी कारणवश यदि किसान स्वयं उपस्थित नहीं हो पाए तो नॉमिनी उनके स्थान पर विक्रय प्रक्रिया पूरी कर सके।
सहायता के लिए टोल फ्री नंबर
किसानों की सहायता हेतु सरकार ने एक टोल फ्री नंबर 18001800150 जारी किया है। किसान किसी भी जानकारी या समस्या के समाधान हेतु इस नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा, संबंधित जनपद के जिला खाद्य विपणन अधिकारी, तहसील के क्षेत्रीय विपणन अधिकारी एवं ब्लॉक के विपणन निरीक्षक से भी संपर्क किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री की पहल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने औरैया दौरे के दौरान मक्का किसानों से मुलाकात की थी और उन्हें भरोसा दिलाया था कि सरकार उनकी उपज का उचित मूल्य सुनिश्चित करेगी। इसी के तहत यह योजना अस्तित्व में लाई गई है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार का उद्देश्य किसानों की आय दोगुनी करना है, और इस तरह की योजनाएं उस लक्ष्य की ओर एक ठोस कदम हैं। योजना के लाभ
- बिचौलियों की भूमिका समाप्त: किसान सीधे सरकार को उपज बेचेंगे, जिससे उन्हें पूरा मूल्य मिलेगा।
- बाजार में स्थिरता: न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद से बाज़ार में मक्का की कीमत स्थिर रहेगी।
- कृषि को प्रोत्साहन: मक्का जैसी फसलों की खेती बढ़ेगी जिससे कृषि विविधता आएगी।
- डिजिटल पारदर्शिता: ऑनलाइन पंजीकरण और डिजिटल भुगतान से भ्रष्टाचार की गुंजाइश नहीं रहेगी।
बोले किसान
कई किसानों ने सरकार की इस पहल की सराहना की है। औरैया जिले के किसान रामप्रसाद यादव ने बताया, “पहली बार लग रहा है कि मक्का की खेती का मेहनताना वाजिब मिलेगा। अब किसी बिचौलिए को कमीशन नहीं देना पड़ेगा।” बलिया के किसान मुकेश वर्मा कहते हैं, “सरकारी खरीद से हमें एमएसपी का लाभ मिलेगा और फसल बेचने के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा।”
क्या रखें ध्यान
किसान को पंजीकरण के समय वही मोबाइल नंबर इस्तेमाल करना चाहिए जो उनके बैंक खाते और आधार से जुड़ा हो। मक्का बेचने के लिए खेत में उगाई गई उपज का सही विवरण दर्ज करना अनिवार्य है। किसी भी गड़बड़ी की स्थिति में तुरंत जिला विपणन अधिकारी से संपर्क करें। राज्य सरकार ने संकेत दिए हैं कि यदि यह योजना सफल रहती है तो आने वाले वर्षों में मक्का के अलावा अन्य रबी फसलों जैसे चना, जौ और मसूर की भी एमएसपी पर खरीद शुरू की जा सकती है। इससे किसानों को बहु-फसली खेती के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।