उपभोक्ताओं को निःशुल्क लग रहे स्मार्ट मीटर
प्रदेश के सभी प्रकार के बिजली उपभोक्ताओं के घरों पर स्मार्ट मीटर बिना किसी शुल्क के लगाए जा रहे हैं। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, उपभोक्ताओं से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जा रहा है और यदि कोई ऐसा करता पाया गया तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मीटर उपभोक्ताओं के घर या प्रतिष्ठान के बाहर पारदर्शी ढंग से लगाए जा रहे हैं। शिकायतों की निगरानी विभागीय टीम और कार्यदायी संस्था दोनों द्वारा की जा रही है।
क्यों खास हैं स्मार्ट मीटर
स्मार्ट मीटर बिजली आपूर्ति और खपत की डिजिटल निगरानी में सक्षम होते हैं। ये मीटर रियल टाइम में उपभोक्ता की बिजली खपत का डेटा दर्ज करते हैं और बिना किसी मैन्युअल रीडिंग के हर महीने सटीक बिल उपलब्ध कराते हैं। उपभोक्ताओं को होने वाले लाभ
- हर महीने मीटर रीडिंग कराने की झंझट खत्म
- समय से और सटीक बिजली बिल
- ज्यादा बिल की भ्रांतियों से मुक्ति
- किरायेदार और मकान मालिक के बीच बिल विवाद से छुटकारा
- बिजली की खपत का पूरा नियंत्रण उपभोक्ता के हाथ में
- सोलर पैनल लगाने वालों को दोबारा मीटर बदलवाने की जरूरत नहीं
- किसी भी फॉल्ट की सूचना तुरंत पावर हाउस तक पहुंचना
- बार-बार होने वाली बिल गड़बड़ी से राहत
नहीं आएगा ज्यादा बिजली का बिल
स्मार्ट मीटर के आने के बाद सबसे बड़ी चिंता थी,बिल अधिक आने की संभावना। लेकिन बिजली विभाग के अधिकारियों और पोलारिस कंपनी के प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया है कि बिल केवल उतनी ही खपत का आएगा जितनी बिजली उपभोक्ता ने इस्तेमाल की है। कोई अतिरिक्त शुल्क या गड़बड़ी नहीं होगी। ज्यादा बिल आने की भ्रांति को दूर करने के लिए “चेक मीटर” जैसी प्रणाली से उपभोक्ताओं को संतुष्ट किया जा रहा है।
सरकारी भवनों में भी लग रहे हैं स्मार्ट मीटर
योजना केवल घरेलू या निजी उपभोक्ताओं तक ही सीमित नहीं है। सरकारी भवनों, कार्यालयों और सरकारी आवासों में भी अनिवार्य रूप से स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। यूपीपीसीएल के निर्देशों के अनुसार यह प्रक्रिया तीव्रता से संचालित की जा रही है, जिससे पूरे राज्य में बिजली व्यवस्था का पूर्ण डिजिटलीकरण सुनिश्चित किया जा सके।
पोलारिस चला रही है जागरूकता अभियान
कार्यदायी संस्था पोलारिस स्मार्ट मिटरिंग प्राइवेट लिमिटेड इन स्मार्ट मीटरों की स्थापना के साथ-साथ जागरूकता अभियान भी चला रही है। घर-घर जाकर टीम उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर के लाभ, प्रक्रिया, सुरक्षा और पारदर्शिता के बारे में जानकारी दे रही है। इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं के मन में किसी भी प्रकार की भ्रांति या संदेह को दूर करना है।
कौन-कौन से जोन में चल रहा है कार्य
राज्य के चार प्रमुख ज़ोन सीतापुर, रायबरेली, अयोध्या और देवीपाटन में स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य जोरों पर है। इसमें अब तक लाखों मीटर लग चुके हैं। नीचे प्रत्येक जोन और सर्कल में लगे मीटरों का विस्तृत विवरण दिया गया है: सीतापुर जोन: - कुल मीटर लगाने का लक्ष्य: 12,34,344
- अब तक लगे मीटर: 1,24,845
- सर्कल वार स्थिति:
- गोला – 26,047
- हरदोई – 29,949
- लखीमपुर – 30,858
- सीतापुर – 37,991
देवीपाटन जोन: - कुल उपभोक्ता: 11,19,767
- अब तक लगे मीटर: 87,080
- सर्कल वार स्थिति:
- बहराइच – 26,989
- बलरामपुर – 23,782
- गोंडा – 36,309
अयोध्या जोन: - कुल मीटर लगाने का लक्ष्य: 17,60,107
- अब तक लगे मीटर: 99,879
- सर्कल वार स्थिति:
- अंबेडकर नगर – 15,128
- अयोध्या – 34,094
- बाराबंकी – 17,469
- गौरीगंज – 12,046
- सुल्तानपुर – 21,142
रायबरेली जोन: - कुल उपभोक्ता: 7,94,053
- अब तक लगे मीटर: 92,387
- सर्कलवार स्थिति:
- रायबरेली प्रथम – 25,263
- रायबरेली द्वितीय – 25,752
- उन्नाव – 41,372
अब तक कुल कितने मीटर लगे
पोलारिस स्मार्ट मिटरिंग प्राइवेट लिमिटेड के पब्लिक रिलेशन मैनेजर प्रसून पांडेय के अनुसार, “अब तक चारों जोनों के 15 सर्कलों में कुल 4,04,191 मीटर लगाए जा चुके हैं। हम तय समयसीमा के भीतर लक्ष्य को पूरा करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं।”
विभागीय अधिकारी भी हैं सतर्क
इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए बिजली विभाग के अधिकारी पूरी तरह तत्पर हैं। प्रत्येक स्तर पर निगरानी और फॉलोअप किया जा रहा है ताकि उपभोक्ताओं को कोई असुविधा न हो। किसी भी शिकायत या समस्या के लिए हेल्पलाइन और स्थानीय कंट्रोल रूम को सक्रिय किया गया है।