स्वास्थ्य और बाल विकास विभाग की साझा पहल
अभियान को स्वास्थ्य विभाग और बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग मिलकर संचालित करेंगे। इसके अंतर्गत आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर नवजातों और माताओं की स्थिति का मूल्यांकन करेंगे। मुख्य कार्यों में शामिल हैं
- बच्चों का वजन मापना,
- पोषण स्थिति दर्ज करना,
- स्तनपान की निगरानी,
- गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्रों से जोड़ना।
गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों की प्रत्येक 15 दिन पर फॉलोअप जांच की जाएगी। आवश्यकता पड़ने पर उन्हें चिकित्सा केंद्रों पर रेफर किया जाएगा।
गर्भवती महिलाओं पर भी विशेष ध्यान
गर्भवती महिलाओं के लिए भी इस अभियान में महत्वपूर्ण पहल की गई है, जिनमें शामिल हैं: - वजन मापन और हीमोग्लोबिन की जांच,
- आयरन और कैल्शियम की नियमित आपूर्ति,
- प्रथम तिमाही में ‘गोद भराई दिवस’ के आयोजन,
- पोषण जागरूकता और सलाह।
जनप्रतिनिधियों की भागीदारी अनिवार्य
अभियान में सांसद, विधायक, ग्राम प्रधान और पार्षदों जैसे जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी भी सुनिश्चित की जा रही है, ताकि पोषण के मुद्दे पर सामुदायिक जागरूकता को और मजबूती मिल सके।