मामले खुलासा तब हुआ जब नाबालिग वन स्टॉप सेंटर पहुंची और पूरे मामले की जानकारी दी। सेंटर प्रभारी अर्चना सिंह की शिकायत पर गुडंबा थाने में पॉक्सो एक्ट, बलात्कार, आपराधिक धमकी और मानव तस्करी जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।
गरीबी बनी वजह
नाबालिग एक गरीब परिवार की है। पुलिस के अनुसार वह कक्षा 6 की छात्रा है। नाबालिग अपने माता-पिता और छोटे भाई के साथ रहती है। परिवार की स्थिति काफी कमजोर होने के चलते किसी तरह से भरण पोषण हो रहा है। जून 2024 में एक महिला उसे अपनी देखभाल के लिए लेकर आई, महिला गर्भवती थी, उसे नाबालिग से अपनी देखभाल करवाना था। इसके बदले में उसने परिवार को 3 हजार रुपए महीना देने को कहा। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते नाबालिग के माता-पिता राजी हो गए।
गर्भवती महिला करवाने लगी गलत काम
नाबालिग के काम पर आने के बाद कुछ दिन तो सब सही चला लेकिन, थोड़े समय में ही महिला अपने रंग दिखाने लगी। महिला नाबालिग को अपनी बहन के साथ लोगों के पास भेजने लगी। महिला की बहन नाबालिग को रोज नए -नए लोगों से मिलवाती। इस दौरान पार्टियां होती और शराब परोसी जाती।
पति के दोस्त से करवाया यौन उत्पीड़न
एक दिन महिला के पति के दोस्त ने नाबालिग को बहाने से अपने कमरे में बुलाया। इसके बाद आरोपी ने उसके साथ अकेले में यौन शोषण किया। इस दौरान आरोपी ने नाबालिग का वीडियो भी बनाया। इसके बाद से नाबालिग को अलग-अलग लोगों के पास भेजा जाने लगा। नाबालिग जब इसका विरोध करती तो आरोपी वीडियो वायरल करने की धमकी देकर उसे ब्लैकमेल करते। गुडंबा थाना प्रभारी प्रभतेश कुमार ने बताया कि इस मामले में चारों आरोपियों असलम, मोहम्मद शाबान, रहनुमा और नैंसी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।