सीएम योगी की वजह से मिला इंसाफ
पूजा पाल ने सदन में अपने भाषण की शुरुआत मुख्यमंत्री को धन्यवाद देकर की। उन्होंने भावुक होकर कहा कि जब किसी ने मेरी नहीं सुनी, आपने मुझे न्याय दिलाया। उन्होंने आगे बताया कि उनके पति की हत्या के पीछे कौन था, यह सभी जानते थे, लेकिन कार्रवाई करने की हिम्मत किसी ने नहीं दिखाई। CM Yogi ने अपनी ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत न केवल मामले को उठाया, बल्कि अतीक अहमद जैसे कुख्यात अपराधी को मिट्टी में मिलाकर उनके साथ-साथ कई महिलाओं और परिवारों को भी न्याय दिलाया।
महिलाओं को मिला साहस
पूजा पाल ने सदन में कहा कि अतीक अहमद जैसे अपराधी से लड़ने की हिम्मत बहुत कम लोग जुटा पाते हैं। लेकिन मुख्यमंत्री योगी ने न केवल उनका सामना किया, बल्कि उसे खत्म कर यह साबित किया कि अपराध और अपराधियों के खिलाफ उनकी नीति सिर्फ शब्दों में नहीं, बल्कि जमीन पर भी दिखती है। उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल उनके लिए बल्कि प्रदेश की उन तमाम महिलाओं के लिए भी साहस और उम्मीद का प्रतीक है, जो सालों से न्याय के लिए संघर्ष कर रही थीं।
थक चुकी थी लड़ाई लड़ते-लड़ते
पूजा पाल ने आगे कहा कि वह न्याय के लिए लंबी लड़ाई लड़ते-लड़ते थक चुकी थीं। कई सालों तक उनके आंसू किसी ने नहीं देखे, लेकिन CM Yogi ने उनके छुपे दर्द और तकलीफ को महसूस किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनकी स्थिति को समझा और उसे बदलने का साहसिक कदम उठाया। इस तरह जो न्याय उन्हें वर्षों से नहीं मिल पाया था, वह आखिरकार मिल गया।
विपक्ष की ओर से सरकार को मिला दुर्लभ समर्थन
आमतौर पर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच विधानसभा में टकराव की स्थिति रहती है, लेकिन यह अवसर अलग था। समाजवादी पार्टी की विधायक द्वारा सत्ता पक्ष के नेता और मुख्यमंत्री की इस तरह तारीफ करना, विधानसभा के इतिहास में एक दुर्लभ और सकारात्मक उदाहरण बन गया। यह क्षण इस बात का भी प्रतीक था कि न्याय की लड़ाई में राजनीतिक सीमाएं मायने नहीं रखतीं।