आज लोधी समाज आंवला में जुटा
आज लोधी समाज अवंतीबाई के नाम पर आंवला (रुहेलखंड) में अपनी ताकत दिखा रहा है, जहां इस समाज से जुड़े तमाम मंत्री और विधायक मंच साझा कर रहे हैं। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि दरअसल सोमवार को राजधानी के एक होटल में विधानसभा सत्र के बाद भाजपा के करीब 40 विधायक पहुंचे थे। वहां पर कुटुंब परिवार का बैनर भी लगा था। इस पर कार्यक्रम के आयोजक के तौर पर कुंदरकी के विधायक ठाकुर रामवीर सिंह और एमएलसी जयपाल सिंह व्यस्त का नाम लिखा था। सूत्रों का कहना है कि बैठक में अधिकांश विधायक क्षत्रिय थे। कुछ बागी दो-चार विधायक ही दूसरी जाति के थे।स्नेह मिलन में शामिल हुए कुर्मी समाज के मंत्री और विधायक
इसके बाद राज्य सरकार के मंत्री जयवीर सिंह के बुलावे पर दूसरी बैठक आयोजित की गई, जिसमें बड़ी संख्या में क्षेत्रीय समुदाय से जुड़े विधायक मौजूद रहे। लगातार दो दिनों तक चली इन बैठकों ने भाजपा के भीतर और बाहर राजनीतिक अटकलों को हवा दे दी है। सूत्रों के मुताबिक, ठाकुर विधायकों ने इन बैठकों के जरिए अपनी एकजुटता का प्रदर्शन किया और संगठन व सरकार में अपनी स्थिति को और सुदृढ़ करने की रणनीति पर मंथन किया। तीसरी मीटिंग सरदार पटेल बौद्धिक विचार मंच के बैनर तले एक स्नेह मिलन कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें कुर्मी समाज के कई मंत्री और विधायकों ने एक बड़े होटल में शिरकत की है।कार्यक्रम को बताया रेगुलर मीटिंग
राजनीतिक हलकों में इस बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हालांकि इस बैठक को लेकर भाजपा के एमएलसी अवनीश पटेल का कहना है कि यह मीटिंग रेगुलर होती है। इसमें सामाजिक उत्थान की बात होती है। इसमें विधायक, मंत्री के अलावा कई सेवानिवृत्त अधिकारी भी शामिल हुए हैं। लोध समाज भी अपनी ताकत दिखाने के लिए रानी अवंतीबाई की जयंती के बहाने बरेली के आवंला में एकत्रित हो रहा है। वीरांगना रानी अवंतीबाई बाई लोधी की जयंती पर आज आंवला में उनकी प्रतिमा का अनावरण मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मंत्री धर्मपाल सिंह ने की।अखिलेश यादव ने क्षत्रिय समुदाय की बैठक पर निशाना साधा
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने क्षत्रिय समुदाय की बैठक को लेकर निशाना साधा और कहा था कि भारतीय जनता पार्टी के भीतर पीडीए समुदाय से जुड़े नेता घुटन महसूस कर रहे हैं और उन्हें पार्टी में कोई स्पष्ट राजनीतिक भविष्य नहीं दिख रहा है। उन्होंने दावा किया कि साल 2027 में ये सभी नेता पीडीए के साथ होंगे। इस मामले को लेकर कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने भाजपा पर निशाना साधा।सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति?
कई दशकों से यूपी की राजनीति को कवर करने वाले राजीव श्रीवास्तव का कहना है कि भाजपा के भीतर जातीय गोलबंदी संगठन और सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति है। उन्होंने कहा कि सरकार और संगठन में जातीय प्रतिनिधित्व संतुलित दिखता है, लेकिन अगर भाजपा पर ‘अपरकास्ट पार्टी’ की छवि बनी तो पंचायत से लेकर विधानसभा तक नुकसान हो सकता है। पीडीए के एजेंडे को काटने के लिए भाजपा को ठोस रणनीति बनानी होगी, वरना इन बैठकों के दुष्परिणाम आगे दिख सकते हैं।सोर्स: IANS