2,270 करोड़ रुपये की परियोजना
अधिकारियों का दावा है कि यह फ्लाईओवर व्यस्त समय में 1 घंटे से ज्यादा समय को घटाकर सिर्फ 15-20 मिनट कर देगा। 2,270 करोड़ रुपये की इस परियोजना का उद्देश्य राजाजीपुरम, तालकटोरा, आलमबाग, मानक नगर के साथ चौक जैसे पारंपरिक रूप से भीड़भाड़ वाले इलाकों और हजरतगंज, गोमती नगर और कैंट जैसे केंद्रीय स्थानों के बीच आवाजाही को कम को करना है।
लोगों को हो रही है मुश्किलें
सालों से इन इलाकों के निवासियों को यातायात संबंधी, सड़क चौड़ाई समेत अन्य मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि 2 साल पहले, लखनऊ नगर निगम ने 778 करोड़ के बजट के साथ राजाजीपुरम से कालिदास मार्ग तक 3 लेन वाली 8 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड सड़क का प्रस्ताव रखा था। प्रारंभिक योजना के बावजूद, यह परियोजना कभी फाइलों से आगे नहीं बढ़ पाई।
राज्य सरकार की मंजूरी के बाद काम होगा शुरू
निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “स्थानीय प्रतिनिधियों और आम लोगों की बार-बार की मांग के बाद इस परियोजना की योजना बनाई गई है। यह फ्लाईओवर लोगों की मुश्किलों को कम करेगा और चारबाग समेत कैंट जैसे पहले से ही व्यस्त मार्गों के लिए एक विकल्प प्रदान करेगा। राज्य सरकार की मंजूरी के बाद हम इस पर काम शुरू करेंगे।” अधिकारी ने आगे कहा, “इस परियोजना से बालागंज रोड, पारा, हरदोई रोड और राजाजीपुरम में भी यातायात सुगम होगा।”
ईंधन की बचत के साथ होगा कनेक्टिविटी में सुधार
कनेक्टिविटी में सुधार के अलावा, इस परियोजना से ईंधन की बचत और प्रदूषण के स्तर में कमी आने की उम्मीद है। अधिकारियों ने बताया कि बेहतर यातायात से वाहनों के रुकने का समय कम होगा, जिससे वायु प्रदूषण पर भी अंकुश लगेगा। फिलहाल, यह परियोजना प्रस्ताव के चरण में है और अंतिम मंजूरी का इंतजार कर रही है।