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लखनऊ

Rickshaw Driver to Local Star:अखिलेश यादव से मुलाकात ने बदल दी रिक्शा चालक शकील की ज़िंदगी

Rickshaw Driver to Local Star Human Story: अलीगढ़ के रिक्शा चालक शकील की ज़िंदगी उस वक्त बदल गई, जब उनका अखिलेश यादव की तस्वीर से बात करता वीडियो वायरल हुआ। अखिलेश ने दिल्ली बुलाकर 50 हजार की मदद दी, 5-स्टार होटल में ठहराया और ई-रिक्शा दिलाया। अब शकील की कमाई चार गुना बढ़ी और पूरे शहर में पहचान बन गई।

लखनऊAug 24, 2025 / 12:41 pm

Ritesh Singh

दिल्ली बुलाकर दी 50 हजार की मदद, 5 स्टार होटल में ठहराया, ई-रिक्शा भी दिलवाया, अब अलीगढ़ में सेलिब्रिटी बन गए शकील (फोटो सोर्स : Social Media / X)

दिल्ली बुलाकर दी 50 हजार की मदद, 5 स्टार होटल में ठहराया, ई-रिक्शा भी दिलवाया, अब अलीगढ़ में सेलिब्रिटी बन गए शकील

(फोटो सोर्स : Social Media / X)

Rickshaw Driver to Local Star Viral Video: अलीगढ़ के जीवनगढ़ की तंग गलियों में रहने वाले 48 वर्षीय रिक्शा चालक शकील अब किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। जो शख्स कभी किराए के रिक्शे पर रोजी-रोटी कमाता था, आज उसका अपना ई-रिक्शा है और दिनभर में हज़ार रुपए से ज्यादा की कमाई हो जाती है। यह बदलाव अचानक उस दिन आया, जब उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तक पहुँच गया।

एक तस्वीर से शुरू हुई कहानी

करीब एक हफ्ते पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर एक वीडियो वायरल हुआ। वीडियो में शकील अपने रिक्शे पर बैठे हुए थे, तभी उन्होंने सड़क किनारे खड़ी एक कार के बोनट पर लगे समाजवादी पार्टी के झंडे को देखा। उस झंडे पर अखिलेश यादव की तस्वीर थी। शकील अचानक उठे, तस्वीर से कुछ बातें की और फिर उसे चूम लिया। वहां मौजूद किसी व्यक्ति ने यह दृश्य कैमरे में कैद कर लिया और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया।
वीडियो जैसे ही वायरल हुआ, अखिलेश यादव ने शकील को दिल्ली बुलाया। दिल्ली पहुँचने पर शकील को न सिर्फ़ सम्मान मिला, बल्कि 50 हजार रुपए की आर्थिक मदद और दो दिन का 5-स्टार होटल में ठहरने का मौका भी मिला। अखिलेश यादव ने उन्हें एक ई-रिक्शा भी भिजवाया, ताकि वह अब किराए का रिक्शा चलाने के बजाय खुद का रिक्शा चला सकें।

“मैं आपको छूना चाहता हूं…”

दिल्ली में मुलाकात के दौरान शकील की आंखों में चमक थी। वह बताते हैं, “अखिलेश जी ने पूछा-क्या चाहते हो? मैंने कहा-मैं आपको छूना चाहता हूं। वह मुस्कुराए और हाथ मिलाया। फिर उन्होंने पूछा-मेरी फोटो से क्या बात कर रहे थे? मैंने कहा यही कि महंगाई बहुत हो गई है, आप सरकार बनाओ, हमारी सुनवाई करवाओ।”
शकील बताते हैं कि दो दिन दिल्ली में 5-स्टार होटल में ठहरने का अनुभव उनके जीवन का सबसे यादगार लम्हा था। “मैंने ऐसे व्यंजन खाए जिनके नाम तक नहीं जानता था। अखिलेश जी ने बहुत प्यार से बात की और जाते वक्त कहा चिंता मत करो, अब तुम्हारे अच्छे दिन शुरू हो गए हैं।”

ई-रिक्शा ने बदल दी रोज़मर्रा की ज़िंदगी

अलीगढ़ लौटकर शकील अब खुद का ई-रिक्शा चलाते हैं। पहले वह किराए का पैडल रिक्शा चलाते थे, जिसके लिए रोज़ 50 रुपये किराया देना पड़ता था। दिनभर की मेहनत के बाद मुश्किल से 200-250 रुपये की कमाई होती थी। शरीर टूट जाता था और खर्च मुश्किल से निकलता था।
“अब हालात पूरी तरह बदल गए हैं। ई-रिक्शा होने की वजह से थकान नहीं होती और कमाई भी चार गुना बढ़ गई है। अब दिनभर में आराम से 1000-1200 रुपये कमा लेते हैं। बेटा दिन में चलाता है और मैं रात में। बैटरी चार्ज करके अगले दिन फिर आराम से काम शुरू कर देते हैं।”

अलीगढ़ में ‘सेलिब्रिटी’ बन चुके शकील

अखिलेश यादव से मुलाकात और मदद के बाद शकील अलीगढ़ में मशहूर हो गए हैं। अब जब वह सड़क पर निकलते हैं, तो लोग उन्हें पहचानने लगे हैं। “रास्ते में लोग रोककर पूछते हैं, भइया, आप वही हो न जो अखिलेश जी से मिले थे? अखबार और टीवी पर देखा है। मोहल्ले में भी लोग अब इज्जत से देखते हैं,” शकील मुस्कुराते हुए कहते हैं।

40 साल पहले अलीगढ़ आए थे

शकील का परिवार मूल रूप से कासगंज जिले के सलेमपुर गांव का रहने वाला है। करीब 40 साल पहले उनके पिता नजीर परिवार के साथ अलीगढ़ आकर बस गए। अब शकील अपने दो भाइयों के साथ जीवनगढ़ की गली नंबर-5 में रहते हैं। परिवार बड़ा है,चार भाई, छह बहनें। बहनों की शादी हो चुकी है। एक भाई का इंतकाल हो गया, जबकि बाकी दोनों भाई फैक्ट्री में मजदूरी करते हैं।
शकील की पत्नी शारजां और चार बच्चे, तीन बेटे बॉबी, रॉबी, शोबी और एक बेटी तमन्ना हैं। बेटे पहले मजदूरी करते थे, लेकिन अब ई-रिक्शा मिलने के बाद परिवार की आय स्थिर हो गई है और सबकी जिंदगी आसान हो गई है।

“अब लग रहा है कि अच्छे दिन आ गए”

शकील हँसते हुए कहते हैं, “पहले पूरा दिन मेहनत करके भी जेब में पैसे नहीं बचते थे। अब जिंदगी बहुत आसान हो गई है। घर चलाने के लिए दूसरों के कारखाने में पसीना नहीं बहाना पड़ता। परिवार खुश है और मोहल्ले में हमारी इज्जत बढ़ गई है। सच कहूं, अब लग रहा है कि अच्छे दिन आ गए हैं।”

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