scriptCat License: लखनऊ वालों! अब बिल्ली पालने के लिए भी लेना पड़ सकता है लाइसेंस, एक और खबर जान लीजिए | Lucknow Residents May Need License to Own Cats – New Rules Coming | Patrika News
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Cat License: लखनऊ वालों! अब बिल्ली पालने के लिए भी लेना पड़ सकता है लाइसेंस, एक और खबर जान लीजिए

LMC Updates: लखनऊ नगर निगम (LMC) ने पालतू बिल्लियों के लिए भी लाइसेंस अनिवार्य करने का प्रस्ताव पास किया है। अब सिर्फ कुत्तों ही नहीं, बिल्लियों का भी रजिस्ट्रेशन होगा। यह कदम रेबीज मुक्त शहर बनाने और नगर निगम की आय बढ़ाने के लिए उठाया गया है। साथ ही शहर में नो-पार्किंग नियम भी कड़े होंगे।

लखनऊAug 24, 2025 / 02:12 pm

Ritesh Singh

लखनऊ में ट्रैफिक अनुशासन के नए अध्याय की शुरुआत – LMC का सख्त नो-पार्किंग नियम लागू, बिल्लियों का भी बनेगा लाइसेंस (फोटो सोर्स : Social Media / Whatsapp)

लखनऊ में ट्रैफिक अनुशासन के नए अध्याय की शुरुआत – LMC का सख्त नो-पार्किंग नियम लागू, बिल्लियों का भी बनेगा लाइसेंस (फोटो सोर्स : Social Media / Whatsapp)

 Cat License LMC strict: लखनऊ की सड़कों पर जल्द ही ट्रैफिक अनुशासन के नए रंग देखने को मिलेंगे। लखनऊ नगर निगम ( LMC ) इस महीने के अंत से प्रतिबंधित पार्किंग जोन पर सख्ती से कार्रवाई शुरू करने जा रहा है। अब जहां-तहां गाड़ी खड़ी करने पर सिर्फ पुलिस का नहीं, बल्कि नगर निगम का डंडा भी चलेगा। खास बात यह है कि इस अभियान में क्रेन संचालन और जुर्माना वसूली का काम सीधे एक निजी एजेंसी कृष्णा ही एसोसिएट्स को सौंपा गया है।
नगर आयुक्त गौरव कुमार के मुताबिक, “सड़क पर अव्यवस्था रोकने के लिए यह जरूरी कदम है। नो-पार्किंग क्षेत्रों से गाड़ियां तुरंत हटाने के लिए क्रेन का इस्तेमाल होगा। इससे सड़कें खाली होंगी और ट्रैफिक जाम की समस्या घटेगी।” हालांकि, आपात स्थिति में 10-15 मिनट के लिए वाहन खड़ा करने पर मालिक को खुद उसे तुरंत हटाना होगा, ताकि क्रेन की कार्रवाई से बचा जा सके।

जुर्माने की दरें तय

  • नई व्यवस्था के तहत नो-पार्किंग जोन में पकड़ी गई गाड़ियों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
  • भारी वाहन : ₹2,000
  • हल्के वाहन : ₹1,500
  • दोपहिया वाहन : ₹400
  • ई-रिक्शा, ऑटो और अन्य तिपहिया : ₹300
अब यह राशि सीधे नगर निगम और क्रेन संचालक के बीच बराबर बांटी जाएगी। पहले इस व्यवस्था में पुलिस को भी 20% हिस्सा मिलता था, लेकिन नई प्रणाली में पुलिस की हिस्सेदारी समाप्त कर दी गई है। नगर निगम का दावा है कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और कार्रवाई तेज होगी।

कार्यकारी समिति की अहम बैठक में लिए गए फैसले

एलएमसी की कार्यकारी समिति की हालिया बैठक में सिर्फ ट्रैफिक अनुशासन पर ही नहीं, बल्कि शहर के विकास, सौंदर्यीकरण और नागरिक सुविधाओं पर भी कई अहम प्रस्ताव पारित किए गए।

सड़कें और कनेक्टिविटी

  • बसंत विहार कॉलोनी, रामना और माधवपुर वार्ड-2 की सड़कों का नवीनीकरण व मरम्मत की मंजूरी।
  • शहर में कई प्रमुख मार्गों के नामकरण से जुड़ी सहमति , मिठाईवाला क्रॉसिंग से गोमतीनगर स्टेशन रोड, महामना मालवीय मार्ग और नारायणपुरी मार्ग का नाम अब नेताजी सुभाषचंद्र बोस मार्ग होगा।
  • सीतापुर मेन रोड से फ्लोरेंस नाइटिंगेल स्कूल तक की सड़क का नाम शुभांशु शुक्ला मार्ग रखा जाएगा।
  • सरोजनीनगर की सुनहरा रोड को द्वितीय वार्ड रोड और एक अन्य सड़क को भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मार्ग के नाम से जाना जाएगा।

मानव संसाधन

प्रत्येक जोन में औद्योगिक कार्यों के लिए 20 मजदूर नियुक्त करने हेतु सेवा प्रदाता का चयन किया जाएगा।

मूर्तियां व सौंदर्यीकरण

  • रायबरेली रोड स्थित डेंटल हॉस्पिटल के पास पार्क में सम्राट विक्रमादित्य की भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
  • शहर के विभिन्न चौराहों और पार्कों के सौंदर्यीकरण पर जोर।

संपत्ति व भूमि आवंटन

  • नटकुर  में भारतेंदु नाट्य अकादमी की नई शाखा के लिए निःशुल्क भूमि आवंटन।
  • जेहटा गांव में भूमि आवंटन और दाउलतगंज एसटीपी से निकलने वाले स्लज का नमामि गंगे योजना के तहत निस्तारण।
  • अलीनगर गांव में अटल बिहारी वाजपेयी महाछठ पूजा स्थल के लिए 220 वर्ग मीटर भूमि।
  • अहमामऊ में दिव्यांगजन सशक्तिकरण निदेशालय की इमारत के लिए 1,000 वर्ग मीटर भूमि।

अब बिल्लियों का भी बनेगा लाइसेंस

बैठक का एक रोचक निर्णय पालतू पशुओं से जुड़ा रहा। अब तक सिर्फ कुत्तों पर लाइसेंस अनिवार्यता थी, लेकिन अब बिल्लियों को भी इस दायरे में शामिल किया जाएगा। नगर निगम का कहना है कि इससे न सिर्फ आमदनी बढ़ेगी बल्कि सभी पालतू बिल्लियों का रेबीज टीकाकरण भी सुनिश्चित होगा। अधिकारियों के मुताबिक, यह फैसला विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के 2030 तक दुनिया को रेबीज-मुक्त बनाने के लक्ष्य के अनुरूप है। नगर निगम ने पालतू पशु मालिकों से अपील की है कि वे समय पर लाइसेंस बनवाएं और टीकाकरण प्रमाणपत्र उपलब्ध कराएं।

क्यों जरूरी है यह कदम

लखनऊ में आए दिन ट्रैफिक जाम और अव्यवस्थित पार्किंग की शिकायतें मिलती रही हैं। बाजारों, सरकारी दफ्तरों और प्रमुख चौराहों पर अवैध रूप से खड़ी गाड़ियां न केवल ट्रैफिक बाधित करती हैं, बल्कि हादसों की आशंका भी बढ़ाती हैं। नगर निगम की नई व्यवस्था से उम्मीद है कि सड़कें खुली रहेंगी और चालकों में नियम तोड़ने का डर बढ़ेगा।

मेयर का बयान

मेयर सुषमा खरकवाल ने कहा, “शहरवासियों को अनुशासन का संदेश देने के लिए सख्ती जरूरी है। वहीं शुभांशु शुक्ला जैसे युवाओं को सम्मान देकर हम यह संदेश भी दे रहे हैं कि लखनऊ अपने योगदानकर्ताओं को कभी नहीं भूलता।”

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