scriptUP Minister Aseem Arun: मंत्री असीम अरुण ने नीली बत्ती वाली गाड़ी लेने से किया इनकार, CP से बोले- चालान करो इसका | Ex-IPS Now Minister, Aseem Arun Refuses Unauthorized Blue Beacon Vehicle, Sets Example of Discipline | Patrika News
लखनऊ

UP Minister Aseem Arun: मंत्री असीम अरुण ने नीली बत्ती वाली गाड़ी लेने से किया इनकार, CP से बोले- चालान करो इसका

UP News:   पूर्व आईपीएस और मौजूदा मंत्री असीम अरुण ने वाराणसी दौरे में प्रोटोकॉल में भेजी गई अनाधिकृत नीली बत्ती वाली गाड़ी को इस्तेमाल करने से मना कर दिया। नियमप्रियता दिखाते हुए उन्होंने वाराणसी CP को पत्र लिखकर गाड़ी का चालान करने और भविष्य में ऐसी गलती न दोहराने के निर्देश दिए।

लखनऊJul 01, 2025 / 11:53 am

Ritesh Singh

Discipline In Politics फोटो सोर्स : Patrika

Discipline In Politics फोटो सोर्स : Patrika

UP Ex IPS Officer and Minister Aseem Arun: “Once a cop, always a cop” यह कहावत इस सप्ताह एक बार फिर चरितार्थ हो गई जब उत्तर प्रदेश के मंत्री और पूर्व आईपीएस अधिकारी असीम अरुण ने वाराणसी दौरे के दौरान प्रोटोकॉल में आई एक ऐसी गाड़ी का प्रयोग करने से इनकार कर दिया, जिसमें अनाधिकृत नीली बत्ती लगी थी।
यह भी पढ़ें

 शिक्षकों के स्थानांतरण की सूची आज होगी जारी, बेसिक शिक्षा विभाग ने पूरी की प्रक्रिया

राज्य के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री असीम अरुण, जो पहले एक तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी रह चुके हैं, अब राजनीति की वर्दी खादी में जरूर हैं, लेकिन नियमों के प्रति उनका समर्पण आज भी पूर्ववत बना हुआ है। यह घटना न केवल प्रशासनिक संवेदनशीलता की मिसाल बन गई है, बल्कि एक राजनेता द्वारा नियमों के पालन के प्रति प्रतिबद्धता का उदाहरण भी प्रस्तुत करती है।
यह भी पढ़ें

जुलाई से महंगी होगी बिजली, उपभोक्ताओं को देना होगा 1.97% अतिरिक्त शुल्क

घटना 

AseemArun

वाराणसी दौरे के दौरान असीम अरुण के लिए प्रशासन द्वारा जो सरकारी गाड़ी भेजी गई थी, उसमें अनधिकृत रूप से नीली बत्ती लगी थी। जैसे ही मंत्री जी ने यह देखा, उन्होंने उस गाड़ी में बैठने से साफ़ इनकार कर दिया और वैकल्पिक व्यवस्था की मांग की। उन्होंने न सिर्फ गाड़ी का प्रयोग करने से मना किया, बल्कि वाराणसी के पुलिस आयुक्त (Commissioner of Police) को इस संबंध में एक औपचारिक पत्र भी लिखा, जो अब सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है।
इस पत्र में उन्होंने संबंधित वाहन के खिलाफ चालान करने और भविष्य में ऐसी अनाधिकृत गाड़ियों को प्रोटोकॉल में शामिल न करने के निर्देश दिए हैं।
यह भी पढ़ें

बिहार से सियासी आगाज, यूपी में दमदार वापसी की तैयारी में आकाश

पत्र की भाषा और तेवर: “नियम सबके लिए बराबर

मंत्री असीम अरुण द्वारा लिखा गया पत्र संक्षिप्त होते हुए भी बेहद प्रभावशाली और स्पष्ट संदेश देने वाला है। इसमें उन्होंने उल्लेख किया कि “एक पूर्व आईपीएस अधिकारी के रूप में मैं जानता हूं कि किन वाहनों को किस श्रेणी की बत्ती प्रयोग करने की अनुमति होती है। जब नियम स्पष्ट हैं, तो उनके उल्लंघन को कोई कारण नहीं बन सकता चाहे वह सुविधा हो या प्रोटोकॉल।” उन्होंने आगे लिखा कि गाड़ी में लगी नीली बत्ती न केवल नियमों के खिलाफ है, बल्कि यह जनमानस में गलत संदेश भी देती है कि नियमों की अनदेखी प्रभावशाली पदों पर बैठे लोग ही कर रहे हैं।

क्यों है नीली बत्ती का प्रयोग संदेहास्पद

भारत सरकार ने 2017 में एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए वीआईपी संस्कृति पर चोट की थी और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने नियम बनाए थे कि केवल अत्यावश्यक सेवाओं या विशिष्ट श्रेणियों के अधिकारी ही विशेष बत्तियों (लाल/नीली) का प्रयोग कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी स्पष्ट किया है कि बत्ती का प्रयोग केवल आपातकालीन सेवाओं जैसे – एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, पुलिस कंट्रोल रूम या वीवीआईपी सुरक्षा में लगे वाहनों तक सीमित है। सामान्यतः किसी भी मंत्री को निजी या आधिकारिक दौरे के लिए नीली बत्ती लगे वाहन का प्रयोग नहीं करना चाहिए, जब तक वह सुरक्षा श्रेणी में न आता हो।
यह भी पढ़ें

लखनऊ में 82 प्राथमिक स्कूलों का हुआ विलय, पहली जुलाई से नए स्कूल में पढ़ाई शुरू

असीम अरुण: अनुशासन की मिसाल

असीम अरुण उत्तर प्रदेश कैडर के 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी रह चुके हैं। वह ATS के पहले प्रमुख रहे, कानपुर के पुलिस कमिश्नर, गोरखपुर और आगरा जैसे शहरों के SSP तथा मुख्यमंत्री सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण दायित्वों को भी निभा चुके हैं। उनका प्रशासनिक कार्यकाल हमेशा कठोर अनुशासन, पारदर्शिता और उच्च नैतिक मूल्यों के लिए जाना गया। उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट से कन्नौज सीट जीतकर हुई। मंत्री बनने के बाद भी उनका स्वभाव और नियमों के प्रति ईमानदारी में कोई बदलाव नहीं आया है और यह घटना उसी का उदाहरण है।
यह भी पढ़ें

अब लखनऊ बनेगा नया NCR: 6 जिलों की सूरत संवारेगा SCR

प्रशासनिक हलकों में सराहना

AseemArun
इस घटना के बाद आईएएस, आईपीएस और विभिन्न प्रशासनिक सेवाओं से जुड़े अधिकारियों के बीच असीम अरुण के इस रुख की खुलकर सराहना हो रही है। सोशल मीडिया पर उन्हें “नैतिक आदर्श का प्रतीक”, “नियमों के रक्षक मंत्री” और “राजनीति में अनुशासन की नई मिसाल” जैसी उपाधियां दी जा रही हैं। कई पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने ट्वीट कर लिखा: “सरकार में होने का मतलब यह नहीं कि नियम आपके लिए नहीं हैं। असीम अरुण जैसे नेता प्रशासन की गरिमा को और ऊँचा करते हैं।”
यह भी पढ़ें

काकोरी में 14 बीघा अवैध प्लाटिंग पर चला बुलडोजर: एलडीए की बड़ी कार्रवाई 

प्रशासन को संदेश: प्रोटोकॉल में लापरवाही नहीं चलेगी

मंत्री द्वारा भेजे गए पत्र में वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट को निर्देश दिए गए हैं कि भविष्य में किसी भी प्रकार की अनधिकृत गाड़ी को प्रोटोकॉल में शामिल न किया जाए। साथ ही वाहन का चालान कर नजीर पेश करने को भी कहा गया है। यह कदम एक स्पष्ट संदेश है कि नियमों की अनदेखी को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे वह मंत्री का काफिला ही क्यों न हो। इससे प्रोटोकॉल संभालने वाले अधिकारियों में भी एक अनुशासनात्मक चेतना आएगी।
यह भी पढ़ें

बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत: किस्तों में बिल जमा कर मिलेगा नया कनेक्शन

राजनीति में नैतिकता का उदाहरण

असीम अरुण जैसे नेता राजनीति में ईमानदारी, सादगी और पारदर्शिता की जो मिसाल पेश कर रहे हैं, वह युवाओं और प्रशासकों दोनों के लिए प्रेरणादायक है। जब जनप्रतिनिधि स्वयं नियमों का पालन करें, तो आम नागरिक भी उनसे प्रेरणा लेते हैं। वर्तमान राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में जहां अक्सर ‘पद’ को ‘विशेषाधिकार’ का पर्याय मान लिया जाता है, असीम अरुण जैसे लोग याद दिलाते हैं कि सच्चे नेता वही हैं जो पद को जिम्मेदारी मानते हैं, अधिकार नहीं।

Hindi News / Lucknow / UP Minister Aseem Arun: मंत्री असीम अरुण ने नीली बत्ती वाली गाड़ी लेने से किया इनकार, CP से बोले- चालान करो इसका

ट्रेंडिंग वीडियो