‘ब्रह्मोस’ मिसाइल है दुनिया की सबसे तेज मिसाइल
सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ‘ब्रह्मोस’ को दुनिया की सबसे तेज और विध्वंसक मिसाइलों में गिना जाता है। अब इसका निर्माण उत्तर प्रदेश के लखनऊ में भी होगा। उत्तर प्रदेश का ब्रह्मोस मिसाइल संयंत्र पूरे देश में ऐतिहासिक साबित होगा।
उत्तर प्रदेश सरकार ने दी 80 हेक्टेयर फ्री जमीन
UPEIDA के एसीईओ हरि प्रताप शाही ने बताया कि यह संयंत्र लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा लखनऊ में 80 हेक्टेयर जमीन फ्री में दी गई थी। साढ़े 3 वर्षों में रिकॉर्ड समय में इसका निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। ये राज्य का पहला हाईटेक रक्षा निर्माण केंद्र होगा.
500 इंजीनियरों की टीम करेगी काम
उत्तर प्रदेश के ब्रह्मोस मिसाइल संयंत्र में लगभग 500 इंजीनियरों की टीम काम करेगी। तकनीकी कर्मचारियों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। जबकि, हजारों कुशल, अर्द्धकुशल और सामान्य श्रमिकों को परोक्ष रूप से काम मिलने की संभावना है। अब आइए जानते हैं ब्रह्मोस मिसाइल के बारें में…
- भारत-रूस संयुक्त उद्यम, ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता 290 किमी. है और यह मैक 2.8 (ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना) की उच्च गति के साथ विश्व की सबसे तेज क्रूज मिसाइल है।
- इसका नाम भारत की ब्रह्मपुत्र नदी और रूस की मोस्कवा नदी के नाम पर रखा गया है।
- यह दो चरणों वाली (पहले चरण में ठोस प्रणोदक इंजन और दूसरे में तरल रैमजेट) मिसाइल है।
- यह एक मल्टीप्लेटफॉर्म मिसाइल है जिसे स्थल, वायु एवं समुद्र में बहुक्षमता वाली मिसाइल से सटीकता के साथ लॉन्च किया जा सकता है जो खराब मौसम के बावजूद दिन और रात में काम कर सकती है।
- यह ‘फायर एंड फॉरगेट/दागो और भूल जाओ’ सिद्धांत पर काम करती है यानी लॉन्च के बाद इसे मार्गदर्शन की आवश्यकता नहीं होती।