इंटरनेट और स्मार्टफोन की तरह बड़ा बदलाव
चड्ढा ने कहा कि जैसे इंटरनेट और स्मार्टफोन ने देश में क्रांतिकारी बदलाव किया उसी तरह अगर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आम लोगों तक पहुंचा दिया जाए तो यह भारत के लिए अगली बड़ी क्रांति साबित हो सकती है। उन्होंने इसे ‘समानता लाने वाला बड़ा हथियार’ बताया है।
दुनिया के उदाहरण भी दिए
अपनी बात रखते हुए उन्होंने अंतरराष्ट्रीय उदाहरण दिए। उन्होंने बताया कि यूएई, सिंगापुर और चीन जैसे कई देश पहले से ही अपने नागरिकों को मुफ्त AI टूल्स उपलब्ध करा रहे हैं या सरकारी स्तर पर इसके विकल्प विकसित कर रहे हैं। राघव चड्ढा ने कहा कि भारत को इस तकनीकी दौड़ में पीछे नहीं रहना चाहिए।
AI सपनों को हकीकत बनाने का जरिया
उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को सिर्फ एक टेक्नोलॉजी नहीं, बल्कि बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने का अवसर बताया है। चड्ढा के मुताबिक किसान, स्टूडेंट्स, छोटे कारोबारी और बुजुर्ग सभी AI से जुड़ी सेवाओं से लाभ उठा सकते हैं। ये टूल्स समय बचाने, निर्णय लेने की क्षमता बढ़ाने और उत्पादकता में सुधार लाने में मदद करेंगे।
उत्पादकता और विकास में बढ़ोतरी
चड्ढा ने कहा कि अगर हर भारतीय को मुफ्त AI टूल्स तक पहुंच मिले तो इससे न केवल प्रोडक्टविटी बढ़ेगी बल्कि नागरिकों का ज्ञान और आत्मनिर्भरता भी मजबूत होगी। इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी बड़ा लाभ मिल सकता है। उन्होंने सरकार से अपील की कि इसे राष्ट्रीय मिशन बनाया जाए और AI की पहुंच हर घर तक सुनिश्चित की जाए।