जानकारी के अनुसार, गोला वन रेंज के अंदेश नगर वन बीट क्षेत्र के ज्ञानपुर गांव निवासी 6 वर्षीय बादल शनिवार रात करीब 12 बजे अपने पिता सुशील के साथ घर के बाहर चारपाई पर सो रहा था। अचानक एक बाघ आया और बच्चे को उठा ले गया। बच्चे की चीख-पुकार सुनकर पिता जागे और उन्होंने ग्रामीणों, वन विभाग तथा पुलिस को इसकी सूचना दी।
रात भर पूरे गांव ने बच्चे की खोजबीन की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। रविवार सुबह जब तलाश दोबारा शुरू हुई, तो घर से कुछ ही दूरी पर एक गन्ने के खेत में बादल का अधखाया शव मिला, जिसे देखकर ग्रामीणों के होश उड़ गए। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। शुरुआत में आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस को शव ले जाने से रोका, लेकिन समझाने-बुझाने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग को शनिवार रात ही इस घटना की सूचना दे दी गई थी, लेकिन कोई तत्काल कार्रवाई नहीं की गई। उनका कहना है कि अगर रात में ही तलाशी अभियान चलाया जाता तो शायद बादल की जान बच सकती थी। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि रविवार सुबह 8 बजे तक भी वन विभाग का कोई कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा और न ही बाघ को पकड़ने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम किए गए।
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कई दिनों से गांव के आसपास के खेतों में बाघ देखा जा रहा था, जिसकी सूचना वन विभाग को दी गई थी, लेकिन अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया, जिसके परिणामस्वरूप एक बच्चे की जान चली गई। अंदेश नगर के वन दरोगा कुलदीप सिंह ने घटना की पुष्टि की है और बताया है कि बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया जाएगा और कैमरों से निगरानी की जाएगी।