यहां से जाए पाडाझर
पाड़ाझर महादेव झरने के लिए दो रास्ते हैं। एक रास्ता रावतभाटा से लुहारिया मार्ग होकर जाता है, जिसके लिए आप निजी वाहन से ही जा सकते हैं। यहां पर भी बारिश में नाला आता है, इसलिए सावधानी जरूरी है। दूसरा रास्ता राणा प्रताप सागर बांध, सेटलडैम होकर चैनपुरा गांव से जाता है। यहां आप सीधा वाहन लेकर जा सकते हैं, लेकिन नाला आने के कारण आप गुफा में नहीं जा सकते। पाड़ाझर झरने के नैसर्गिक सौंदर्य का अवलोकन कर सकते हैं। तेज बारिश में ही रपट पर पानी आता है, जिससे रास्ता बंद हो जाता है। झरने के पास जाना और नहाना मना है। आप दूर से सिर्फ इसका नैसर्गिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं।
झरने के नीचे आदिमानव की गुफाएं
पाड़ाझर महादेव झरने के नीचे आदिमानव काल की गुफाएं हैं। कहा जाता है कि यहां कई ऋषि-मुनियों ने सालों तक तपस्या की है। आदिकाल की गुफाएं आज भी सुरक्षित हैं। यहां वन्यजीवों का भी डेरा रहता है। पक्षियों के लिए यह शरण स्थली है। यहां पर्यटन का विकास हो जाए तो यह राजस्थान का सबसे खूबसूरत स्थल बन सकता है। पाड़ाझर महादेव झरने के नीचे गुफा में महादेव स्थापित हैं। शिवलिंग पर प्रकृति जल चढ़ाती है। यह गुफा 30 मीटर से भी लंबी है। यहां पवित्र कुंड है और मंदिर बना हुआ है। नीचे गुफा में जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई हैं।