इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेन/एडवांस्ड में परीक्षा आयोजन, परिणाम तथा एडमिशन काउंसलिंग का शेड्यूल निर्धारित समय पर जारी कर दिया जाता है, कोई ऊहापोह की स्थिति नहीं रहती। नीट यूजी की काउंसलिंग समय पर जारी नहीं होने के कारण एम्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों का शैक्षणिक कैलेंडर भी बेपटरी हो गया है। नीट यूजी के तहत 12.36 लाख विद्यार्थियों को सेंट्रल तथा स्टेट काउंसलिंग के लिए क्वालिफाइड घोषित किया गया है, लेकिन एडमिशन काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है।
पहले एम्स संस्थानों की अलग परीक्षा होती थी आईआईटी संस्थानों की तर्ज पर एम्स संस्थानों की ओर से अंडरग्रेजुएट मेडिकल पाठ्यक्रमों के लिए एक पृथक प्रतियोगी परीक्षा का आयोजन किया जाता था। यह परीक्षा नीट यूजी प्रवेश परीक्षा की पात्रता शर्तों तथा परीक्षा पैटर्न सहित कई मायनों में पूर्णतया भिन्न थी। चरणबद्ध तरीके से निश्चित समय पर इस परीक्षा का आयोजन किया जाता था। तय समय पर परीक्षा परिणाम घोषित किए जाते थे तथा तय समय पर एमबीबीएस पाठ्यक्रम की कक्षाएं प्रारंभ हो जाती थीं।
आईआईटी संस्थानों की तुलना में पिछड़ गए मेडिकल संस्थान एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि नीट यूजी 2025 का परीक्षा परिणाम 14 जून को जारी कर दिया गया था, लेकिन अभी तक एडमिशन काउंसलिंग प्रक्रिया प्रारंभ किए जाने के संबंध में मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (एमसीसी), नई दिल्ली ने कोई आधिकारिक सूचना जारी नहीं की है, जबकि आईआईटी संस्थानों की बीटेक, इंटीग्रेटेड एमटेक व डुएल डिग्री पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए जेईई एडवांस्ड प्रवेश परीक्षा का आयोजन 18 मई को किया गया था। पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार 2 जून को इस परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया गया। एडमिशन काउंसलिंग प्रक्रिया प्रारंभ हो गई और सभी 23 आईआईटी संस्थानों ने जुलाई के अंतिम सप्ताह/अगस्त के प्रथम सप्ताह में कक्षाएं प्रारंभ करने का एडमिशन कैलेंडर भी जारी कर दिया है।
नीट यूजी का आयोजन द्वि-स्तरीय होना चाहिए देश में 780 मेडिकल संस्थान हैं, जो एमबीबीएस पाठ्यक्रमों का संचालन करते हैं। एक्सपर्ट के अनुसार मेडिकल संस्थानों के आधारभूत ढांचे, मेडिकल शिक्षकों की उपलब्धता व शैक्षणिक गुणवत्ता में बहुत अंतर है। ऐसे में आवश्यक है कि इन संस्थानों का इंजीनियरिंग की तर्ज पर त्रिस्तरीय वर्गीकरण कर दिया जाए। वर्ष 2024 में इसरो के पूर्व प्रमुख के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में गठित हाई लेवल कमेटी ऑफ एक्सपर्ट्स (एचएलसीई) ने भी यह सुझाव दिया था कि नीट यूजी का आयोजन द्वि-स्तरीय कर दिया जाए, ताकि किसी भी एक अवरोध के कारण संपूर्ण प्रवेश प्रक्रिया पर असर नहीं पड़े।