CG Scam: 6 करोड़ 27 लाख 56 हजार रुपए किए थे प्रदान
वित्तीय वर्ष 2021-22 में केंद्र सरकार की ओर से आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में विकास कार्यों को लेकर कोरबा जिला प्रशासन को 6 करोड़ 27 लाख 56 हजार रुपए प्रदान किए गए थे। इस राशि से आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में छात्रावास का निर्माण, मरम्मत, बिजली, पंखा, नलकूप खनन आदि से संबंधित कार्य किया जाना था। कार्य के लिए कोरबा जिला प्रशासन ने 6 जून 2022 को एक आदेश जारी किया। इसके तहत आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त को कार्य एजेंसी नियुक्त किया। उस समय सहायक आयुक्त के पद माया वारियर की पदस्थापना थी। बताया जाता है कि उक्त राशि में से 4 करोड़ 95 लाख 79 हजार रुपए आश्रम और छात्रावासों की मरमत एवं इनमें सामग्री की आपूर्ति पर खर्च किया जाना था। इसमें से 4 करोड़ 4 लाख रुपए सिविल कार्य के लिए प्रदान किए गए थे। इस राशि में से लगभग 3 करोड़ रुपए का व्यय तत्कालीन सहायक आयुक्त माया वारियर के कार्यकाल में हुआ। चूंकि संविधान के अनुच्छेद 275ए के तहत इस राशि से खर्च किए जाने से संबंधित सारे दस्तावेज जैसे निविदा, प्रशासनीक और तकनीकी स्वीकृति आदेश, मेजरमेंट बुक, देयक की मूल नस्ती कार्यालय में होनी थी। लेकिन ये सभी दस्तावेज कार्यालय से गायब हैं।
पांच छात्रावासों के लिए डीएमएफ से ली गई राशि
केंद्र सरकार से प्राप्त पैसे को खर्च करने के लिए माया वारियर ने 17 कार्यों की स्वीकृति प्राप्त करवाया। इस कार्य के लिए डीएमएफ से दो करोड़ 72 लाख रुपए की राशि प्राप्त किया गया। इसमेें प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति कन्या छात्रावास कुदुरमाल के लिए 34 लाख, कन्या छात्रावास कोरबी चोटिया के लिए 34 लाख और इतनी ही राशि कन्या छात्रावास पसान, पोड़ी उपरोड़ा और सिंघिया छात्रावास की मरमत के लिए भी निकाली गई। जबकि इन्हीं छात्रावासों की मरमत के नाम पर तत्कालीन सहायक आयुक्त ने कुदुरमाल के लिए एक करोड़ 52 लाख 97 हजार, पोड़ी, कोरबी चोटिया, सिंघिया और पसान के लिए भी 1.52 करोड़ -1.52 करोड़ रुपए सरकार से लिया।
17 छात्रावासों की मरम्मत की स्वीकृति
केंद्र सरकार से प्राप्त राशि को खर्च करने के लिए आदिवासी विकास विभाग ने नगर निगम कोरबा के अधीक्षण अभियंता से तकनीकी स्वीकृति प्राप्त की थी। यह स्वीकृति 10 फरवरी 2022 को प्राप्त की गई थी। इसके तहत 17 छात्रावासों का मरमत किया जाना था। इसमें नवीन प्री मेट्रिक कन्या छात्रावास मदनपुर और कोरकोमा के अलावा प्री मेट्रिक अनुसूचित जनजाति कन्या छात्रावास कुदमुरा, कोरबा, धनगांव, गोढ़ी, कुदुरमाल, पोड़ी उपरोड़ा, कन्या छात्रावास सेन्हा, कोरबी चोटिया, सिंघिया, पसान, हरदीबाजार, अनुसूचित जनजाति कन्या आश्रम हरदीबाजार के अलावा करतला, रंजना और अरदा के कन्या आश्रम शामिल थे। इस कार्य के लिए आदिवासी विकास विभाग के तत्कालीन सहायक आयुक्त माया वारियर ने प्रत्येक आश्रम के लिए लगभग एक करोड़ 52 लाख रुपए की स्वीकृति प्राप्त की थी।
2023 में समिति गठित
22 मई 2023 को कोरबा के तत्कालीन कलेक्टर ने इस मामले की जांच के लिए अधिकारियों की एक टीम का गठन किया। टीम में तत्कालीन अपर, सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग कोरबा, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के तत्कालीन एसडीओ, जिला कोषालय अधिकारी, सब इंजीनियर ऋषिकेश बानिक और सहायक लेखा अधिकारी को शामिल किया गया था। टीम को 15 दिन में जांच पूरी करनी थी मगर डेढ़ साल गुजर गया। इस बीच अधिकारियों का तबादला हो गया। अब नए सिरे जांच के आदेश जारी किए गए हैं। नगर पुलिस अधीक्षक भूषण एक्का ने बताया कि आदिवासी विकास विभाग से दस्तावेज गायब होने के मामले में तत्कालीन सहायत आयुक्त माया वारियर, सहायक इंजीनियर सहित अन्य पर केस दर्ज किया गया है। जांच की जा रही है।