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कोरबा

CG News: एमआरआई और सिटी स्कैन मशीनें नदारद, गंभीर मरीजों की बढ़ी मुश्किलें

CG News: मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों को एमआरआई मशीन से जांच की सुविधा उपलब्ध कराने के नाम पर सिर्फ कागजों पर ही चर्चा हो रही है।

कोरबाJul 29, 2025 / 11:56 am

Laxmi Vishwakarma

फाइलों में हो रही सीटी स्कैन और एमआरआई की खरीदी (Photo source- Patrika)

फाइलों में हो रही सीटी स्कैन और एमआरआई की खरीदी (Photo source- Patrika)

CG News: मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के लिए सबसे महत्वपूर्ण मशीन न तो सिटी स्कैन है और ना ही एमआरआई। सिटी स्कैन मशीन के लिए तीन साल पहले ही फंड जारी हो चुका है। इसे बीते हुए तीन साल गुजर गए। इसके बाद भी मशीन की खरीदी नहीं हो सकी है। इसके लिए सीएसआर और डीएमएफ से 13 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है। यही स्थिति एमआरआई मशीन खरीदी को लेकर भी सहमति बनी थी। लेकिन मशीन नहीं आ सकी है।

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CG News: सिटी स्कैन और एमआरआई जांच रिपोर्ट की सलाह

मेडिकल कॉलेज अस्पताल के ओपीडी (आउट पेशेंट डिपार्टमेंट) में रोजाना लगभग 800 से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। अस्पताल में भर्ती होकर इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़कर अब रोजाना 70 से 80 मरीज पहुंच रहे हैं। इसमें से ज्यादातर मरीज गंभीर बीमारी से ग्रसित होते हैं। बीमारी को बारिकी से पहचान के लिए डॉक्टरों के द्वारा सिटी स्कैन और एमआरआई जांच रिपोर्ट की सलाह दी जाती है। लेकिन मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इसकी सुविधा ही नहीं है।
इसके लिए मरीजों को निजी डायग्नोस्टिक सेंटर का चक्कर काटना पड़ रहा है। मरीज व परिजनों पर इलाज के लिए आर्थिक भार पर पड़ रहा है। मरीज व परिजन परेशान हो रहे हैं। यह अव्यवस्था तब है, जब मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के पास इन मशीनों के खरीदी के लिए पर्याप्त फंड मौजूद हैं। सिटी स्कैन के लिए अप्रैल 2022 में एनटीपीसी प्रबंधन ने सीएसआर मद से दो करोड़ रुपए प्रदान किया है।
CG News: इस दौरान 28 स्लाइस वाली सिटी स्कैन मशीन खरीदने की तैयारी थी। लेकिन खरीदी नहीं हो सकी। मार्च 2025 में अत्याधुनिक सिटी स्कैन मशीन खरीदी का निर्णय लिया गया। जिला प्रशासन ने जिला खनिज न्यास मद से 11 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की है। प्रबंधन के समक्ष अब सिटी स्कैन मशीन खरीदी के लिए लगभग 13 करोड़ रुपए हैं। हालांकि प्रबंधन तीन साल से निविदा की प्रक्रिया तक सीमित है।

CG News: एमआरआई मशीन पर सिर्फ चर्चा

मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों को एमआरआई मशीन से जांच की सुविधा उपलब्ध कराने के नाम पर सिर्फ कागजों पर ही चर्चा हो रही है। लेकिन अब तक इसके लिए निविदा की प्रक्रिया भी पूरी नहीं की जा सकी है। गौरतलब है कि सिटी स्कैन और एमआरआई मशीन की सुविधा हर बार बैठक में कही जाती है। इसके अलावा कोरबा प्रवास में आए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री से लेकर सांसद तक एमआरआई की सुविधा कर चर्चा करतें हैं।

एनएमसी ने सीटी स्कैन मशीन जल्द खरीदी के दिए हैं निर्देश

नेशनल मेडिकल कमीशन की टीम हर साल नया शिक्षा सत्र प्रारंभ होने से पहली निरीक्षण करती है। जब से कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू हुई, तब से एनएमसी के द्वारा सिटी स्कैन और एमआरआई मशीन खरीदी के निर्देश दिए जा चुके हैं। ताकि एनएमसी का मापदंड पूरा हो सके और मरीजों को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो सके।
CG News: इधर मेडिकल कॉलेज अस्पताल सह जिला अस्पताल को ब्लड कंपोनेंट मशीन प्राप्त हुए लगभग साढे़ पांच साल पूरे हो गए हैं। पांच साल बाद ब्लड कंपोनेंट मशीन की महत्वपूर्ण पार्ट्स ब्लड बैग सेपरेटर की खरीदी की गई। लेकिन मरीजों की अब तक सुविधा नहीं मिल रही है।
बताया जा रहा है कि इसके लिए शासन को आवेदन किया गया है। इसके लिए दिल्ली से एक टीम आएगी। टीम मशीन की जांच करेगी। इसके बाद अनुमति मिलने पर मशीन शुरू होगी। इस प्रक्रिया में अभी तीन माह का और समय लगने की संभावना है। तब तक मरीजों को इंतजार करना होगा। गौरतलब है कि यह मशीन ब्लड के घटक को अलग करती है।

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