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कोंडागांव

रावघाट-जगदलपुर रेल लाइन के लिए रेलवे ने शुरू किया वन भूमि का सर्वे, किसानों को बांटा जा चुका मुआवजा

New railway line: रावघाट से जगदलपुर के बीच रेल लाइन बिछाने का काम बेहद धीमी गति से चल रहा है। अभी कांकेर जिले में केंवटी तक लाइन पहुंची है।

कोंडागांवAug 01, 2025 / 10:52 am

Laxmi Vishwakarma

रावघाट-जगदलपुर रेल लाइन (Photo source- Patrika)

रावघाट-जगदलपुर रेल लाइन (Photo source- Patrika)

New railway line: भविष्य में रावघाट से जगदलपुर तक आने वाली रेल लाइन के लिए कोण्डागांव जिले में सर्वे का काम जोर पकड़ चुका है। संबंधित संस्था एलाइनमेंट आदि बिंदुओं के आधार पर सर्वे कर रही है। इस प्रोजेक्ट के तहत राजस्व भूमि अधिग्रहण के साथ किसानों को मुआवजा बांटा जा चुका है। इस प्रोजेक्ट में वन विभाग की भी 153 हेक्टेयर जमीन आ रही है।

New railway line: नियामानुसार दी जाएगी अनुमति

फॉरेस्ट की जमीन के लिए साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे की टीम जिले में सर्वे कर रही है। एसईसीआर के सीनियर सेक्शन इंजीनियर निर्माण और कोण्डागांव वनमंडल के अंतर्गत आने वाले उन वनपरिक्षेत्र में जीपीएस के माध्यम से सर्वे किया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि पखवाड़ेभर में जिले की तकरीबन 155 हेक्टेयर वन भूमि का जीपीएस सर्वे कर परिवेश पोर्टल में डाटा अपलोड करते हुए पंजीयन किया जाएगा और इसके बाद ही रेल लाइन विस्तार के लिए काम कर रही संस्था को फॉरेस्ट की जमीन के नियामानुसार अनुमति दी जाएगी। हालांकि इस प्रक्रिया में अभी कुछ लग सकता है।

वन भूमि कर रहे सर्वे

चूडामणी सिंह, डीएफओ, कोण्डागांव: एसईसीआर के अधिकारियों से हमारी रेल लाईन विस्तार को लेकर बैठके हुई है, पूर्व सर्वे के आधार वनमंडल की 153 हेक्टेयर जमीन दायरे में आ रही है।

311 को दे चुके मुआवजा

चित्रकांत चार्ली ठाकुर, अपर कलेक्टर: रेल के लिए जिले की 63 हेक्टेयर राजस्व भूमि दायरे में है। जिसके 319 किसानों में से 311 को मुआवजा वितरण किया जा चुका है।

सालों से चल रहा काम, गति बेहद धीमी

रावघाट से जगदलपुर के बीच रेल लाइन बिछाने का काम बेहद धीमी गति से चल रहा है। अभी कांकेर जिले में केंवटी तक लाइन पहुंची है। इसके बाद लगभग 250 किमी का काम बाकी है। जितना काम अब तक हुआ है उसमें ही सालों बीत चुके हैं और अब बचे हुए बड़े हिस्से को पूरा करने में भी अगर ऐसे ही काम किया गया तो आने वाले 10 साल तक बस्तर को राजधानी रायपुर की रेल कनेक्टिविटी मिलना मुश्किल है। बताया जा रहा है कि पूर्व में हुए सर्वे जिले के आधार पर परिवेश पोटर्ल-1 में किया गया था, लेकिन अब डिविजन के आधार पर परिवेश पोटर्ल-2 में इसका डाटा अपलोड किया जाना है।
New railway line: यही वजह रही कि पूर्व में किये गए सर्वे को एकबार फिर रेल लाईन विस्तार करने में जुटी संस्था मौके पर पहुंच एलाईमेंट आदि जांचने में लगी है। जिले में रेल लाईन विस्तार की बाते वर्षो से चली आ रही है, लेकिन अब तक रेल आई और न ही लाईन का विस्तार हो पाया। लेकिन इस बार उम्मीद कुछ ज्यादा इसलिए भी है कि, यह काम एसईसीआर ही कर रही हैं। जबकि इससे पहले ईरकॉन व बस्तर रेल्वे प्राईवेट लिमिटेड काम कर चुकी हैं।

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