रहवासियों ने कहा- 30 से 45 मिनट जल वितरण होता है, बदबू के चलते आपूर्ति नहीं हो रही। गौरतलब है कि बीते करीब 10 माह से शहर की पेयजल व्यवस्था जलावर्धन योजना के तहत हो रही है। यह काम जेएमसी कंपनी व पीआईयू के अफसरों की निगरानी में चल रहा है। बदबूदार और मटमैले पानी को लेकर पीआईयू के इंजीनियर अनिल देवड़े ने बताया कि कुछ दिन पूर्व पहाड़ी क्षेत्र में हुई बारिश के बाद मटमेले पानी की समस्या आई है। शहर में अभी किसी ने मटमैले पानी की शिकायत नहीं की है। बैराज से वाटर वर्क्स और टंकियों से शहर में वितरण से पूर्व पानी की जांच कर रहे हैं। अभी पीएच लेवल तय मानक के अनुसार 6.5 से 8.5 पैरामिटर के बीच है।
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पीआईयू के इंजीनियर अनिल देवड़े ने बताया वर्तमान में वाटर वर्क्स में पानी की शुद्धिकरण के लिए 80 किलोग्राम प्रति घंटा एलम व लिक्विट ब्लीचिंग 1.2 पीपीएम की खपत हो रही है। यह पानी को शुद्ध करने में मदद करता है। यह प्रक्रिया वॉटर वर्क्स में नियमित अपनाने का दावा अफसरों ने किया है।
बदबू इतनी की पानी पीना मुश्किल
जुलवानिया रोड वार्ड 32 निवासी क्षेत्र की रेखा सिंधिया, उमा वर्मा, जितेंद्र सुरागे बताया बीते आठ दिन से समस्या आ रही है। नगरपालिका में शिकायत की मगर कोई असर नहीं हुआ। टेस्टिंग के लिए एक टीम जरूर आई थी। उनसे पूछा तो उन्होंने भी कहा कि पानी में खराबी है। रहवासियों ने कहा- पानी में बदबू इतनी आ रही है कि उसे पीने में डर लगता है। बीमारियां फैलने की आशंका है। पहाड़ी क्षेत्र में बारिश के चलते मटमैले पानी की समस्या आठ दिन पूर्व आई थी। बदबूदार पानी वितरण हो रहा है शिकायतें नहीं आई हैं। पानी का पीएच लेवल तीन स्तर पर वॉटर वर्क्स, टंकी व कॉलोनी-मोहल्लों में जांचते हैं। अभी पानी का पीएच मानक लेवल 6.5 से 8.5 के बीच 7.4 है।- अनिल देवड़, इंजीनियर, पीआईयू, खरगोन