अतिक्रमण : 10 हजार वर्ग फीट एरिया में 19 मकान जमींदोज, मलबा में तब्दील हुआ 42 साल का आशियाना
नगरीय क्षेत्र में दूध तलाई तालाब 43, 560 वर्ग मीटर एरिया में फैला हुआ है। इसमें 10 हजार वर्ग मीटर जलाशय के कैचमेंट एरिया में अवैध कब्जा था। प्रशासन की टीम ने अतिक्रमण को हटा दिया।
नगरीय क्षेत्र में दूध तलाई तालाब 43, 560 वर्ग मीटर एरिया में फैला हुआ है। इसमें 12 हजार वर्ग मीटर जलाशय के कैचमेंट एरिया में अवैध कब्जा था। प्रशासन की टीम ने अतिक्रमण को हटा दिया
राजस्व, पुलिस और निगम प्रशासन ने दूधतलाई में की कार्रवाई, मकानों पर चली जेसीबी, घरेलू सामग्री बचाने जुटा रहा कुनबा, रिश्तेदारों के घरों में सामग्री शिफ्ट की, प्रशासन की टीम ने सुबह आठ बजे से ही अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी। दोपहर तक दस हजार वर्ग फीट एरिया से अतिक्रमण हटा दिया।
जिला प्रशासन की टीम ने दूधतलाई में 42 साल पुराने अतिक्रमण को ढहा दिया। तालाब के कैचमेंट एरिया कब्जा कर बनाए गए 19 मकानों को ढहा दिया गया। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई सुबह से शुरू हो गई। अतिक्रमण कारियों ने सामान हटाने की मोहलत मांगी। प्रशासन की टीम ने एक नहीं सुनी। बड़ी संख्या में पुलिस बल, बज्र की मौजूदगी में पांच घंटे तक चली कार्रवाई में मकान मलबा में तब्दील हो गए। तालाब की 10 हजार वर्ग फीट से अधिक भूमि अतिक्रमण मुक्त हो गई ।
42 साल मकान बनाकर रह रहे थे कब्जाधारी
नगरीय क्षेत्र में दूध तलाई तालाब 43, 560 वर्ग मीटर एरिया में फैला हुआ है। इसमें 10 हजार वर्ग मीटर जलाशय के कैचमेंट एरिया में अवैध कब्जा था। प्रशासन की टीम ने अतिक्रमण को हटा दिया। कार्रवाई के दौरान मो नाहिद ने उपायुक्त से कहा कि कि मेरे पिता शेख खुर्शीद यहां 42 साल मकान बनाकर रह रहे थे। अब वे दुनिया में नहीं है। एसडीएम कार्यालय से वर्ष 1998 में आवासीय पट्टा मिला है।
तीन माह पहले सीमांकन, 24 घंटे की मोहलत देकर हटाया
अधिकारियों ने जवाब दिया कि पट्टे की वैधता मात्र एक साल थी। तालाब की भूमि पर बने निर्माण् अतिक्रमण की श्रेणी में है। कुछ लोग बिना किसी वैध पट्टे का निर्माण करा लिया है। तीन माह पहले सीमांकन किया गया। नोटिस के बाद भी खाली नहीं हुआ तो प्रशासन ने शुक्रवार को 24 घंटे में खाली करने की नोटिस घरों में चस्पा कर दी। दूसरे दिन शुक्रवार जेसीबी से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई दोपहर 12.30 बजे तक चली । इस दौरान पुलिस बल, अग्निशमन टीम, चिकित्सकों की टीम भी रही।
जेसीबी चलते ही मची चीखपुकार, समझाइश के बाद शांत हुए
सुबह कब्जा स्थल पर निगम के राकेश ने एनाउंस किया कि सभी घरों से बाहर जा जाएं। अतिक्रमण हटाने मशीनें आ गई। सूचना से महिलाओं और बच्चों में चीख पुकार मच गई। घरों से लोग बाहर आ गए। लोग स्वयं अपने घरों से सामान बाहर निकाल लिया। कुछ तो रिश्तेदारों के यहां सामान शिफ्ट कर दिया। कई तो अपने पुराने मकान में चले गए।
प्रभावितों के लिए वैकल्पिक आवास
निगम आयुक्त प्रियंका सिंह राजावत ने कार्रवाई के दौरान प्रभावित परिवारों से कहा कि जिनके मकान तोड़ गए हैं उन्हें आइएचएसडीपी योजना के तहत कम कीमतों पर वैकल्पिक आवास आवंटित किया जा रहा है। सिर्फ 25,000 रुपए जमा करना होगा। प्रति माह 1500 रुपए की किश्त जमा करनी होगी। कुल 1,75,000 रुपये में वैध आवास मिल जाएगा।
जलाशय में सौंदर्यीकरण का कार्य
निगम अमृत 2.0 योजना के तहत दूध तलाई में जलाशय का पुनर्जीवन कार्य निर्माणाधीन है। करीब 60 लाख रुपए लागत से बाउंड्री वॉल निर्माण, स्टोन पिचिंग, 1.5 मीटर चौड़ा पाथवे एवं पौधारोपण का कार्य शामिल है।
शाम को आयुक्त के आवास पर पहुंचे, सुबह ढह गया मकान
-अंतिम सूचना के बाद 24 घंटे का नोटिस चस्पा की। शुक्रवार की शाम आयुक्त के आवास पर मोहलत मांगने पहुंचे थे। आयुक्त घर से बाहर नहीं निकलीं। शनिवार सुबह घर के सामने जेसीबी देख घबराए। अधिकारियों और नेताओं को फोन लगाए। किसी ने एक नहीं सुनी। शहर काजी के नहीं आने पर अतिक्रमण स्थल पर उन्हें कोसते रहे।
इनका हटाया गया अतिक्रमण
-शेरू सलाम पिता शेख सलाम -शेष अहमद पिता शेख सलाम -मुजफ्तर पिता अब्दुल रेहमान -शोकत हुसैन पिता अब्दुल रेहमान -मेहमूद हुसैन पिता अब्दुल रेहमान -फारूक अली पिता हिफाजत अली
-नाजिद परवीन पति मोहम्मद शकीर -हसीना बी पति शेख -शनीन बानो पति शेष रसाक -अजगर अली पिता हिफाजत अली -रामप्यारी बाई, कोमल जैन -अंजनी पति स्व विजय वर्जन, एसडीएम, बजरंग बहादुर सिंह का कहना है कि… अतिक्रमण हटाने की सूचना तीन माह से लगातार जा रही। दो दिन पहले भी मौखिक रूप से कहा गया। अंतिम चेतावनी के बाद हटाए जाने की कार्रवाई की गई है। शासकीय भूमि पर अतिक्रमण नहीं करें सहयोग करें।
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