कवर्धा के जिला अस्तपाल में बीते डेढ़ वर्ष के दौरान बहुत बदलाव देखने को मिल रहा है। यहां पर डॉक्टर की कमी काफी हद तक दूर हुई। बेहतर ईलाज भी चल रहा है जिसके कारण यहां पर मरीजों का विश्वास बढ़ रहा है। इसी कड़ी में कवर्धा के जिला अस्पताल को 100 बिस्तर से बढ़ाकर 220 बिस्तर में विस्तारित करने की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कर दी है।
तीन माह पूर्व इसे राज्य के बजट में रखा गया। तीन माह के दौरान ही 220 बिस्तरों की स्वीकृति मिलना सिर्फ अस्पताल विस्तार नहीं, बल्कि मेडिकल कॉलेज के लिए बुनियादी संरचना का निर्माण है। वहीं नर्सिंग संस्थान की स्थापना के लिए आवश्यक शर्तों को पूरा करता है। वहीं लंबे समय से प्रतीक्षित मेडिकल कॉलेज स्थापना की राह भी अब स्पष्ट और सशक्त हो गई है। आगामी सत्र से मेडिकल कॉलेज प्रारंभ हो जाएगा।
साढ़े 4 करोड़ से सीटी स्कैन मशीन स्थापित
जिला अस्पताल में साढ़े 4 करोड़ की लागत से सीटी स्कैन मशीन स्थापित किया जा चुका है। सीटी स्कैन के संचालन के लिए रेडियोलॉजिस्ट की भी नियुक्ति की गई है। वहीं जिले में एक साथ 38 डॉक्टरों की पदस्थापना की गई है। अधिकतर डॉक्टर ने कार्य प्रारंभ कर दिया है। सभी प्रकार के विशेषज्ञ होंगे
छत्तीसगढ़ शासन के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार कबीरधाम के जिला अस्पताल में विस्तार के लिए कुल 258 नए पदों का सृजन किया गया है। इसमें विशेषज्ञ चिकित्सक, शिशु रोग, स्त्री रोग, मानसिक रोग, सर्जरी, एनेस्थेसिया, तकनीकी स्टाफ लैब टेक्नीशियन, रेडियोलॉजिस्ट, फार्मासिस्ट, नर्सिंग सुपरवाइजर, सहायक कर्मचारी, आया, वार्ड ब्वॉय, वाहन चालक, सफाईकर्मी आदि के पद स्वीकृत किए गए है। मतलब सभी प्रकार के विशेषज्ञ डॉक्टर व स्टॉफ की भर्ती होगी।
इन पदों की पूर्ति होने के बाद अस्पताल में किसी प्रकार डॉक्टर की कमी होगी न ही किसी सुविधा की। सभी पदों की नियुक्ति सेवा भर्ती नियमों के तहत होगी। पदों की पूर्ति निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार प्राथमिकता के आधार पर की जाएगी। वित्तीय भार राज्य योजना मद से वहन किया जाएगा। प्रक्रिया पूर्ण होने में समय लगेगा, लेकिन इसके बाद स्वास्थ्य सुविधा बेहतर हो जाएगी।
भवन निर्माण शुरु….
कवर्धा में 50 सीटों वाला मेडिकल कॉलेज आगामी सत्र से प्रारंभ हो जाएगा। 300 करोड़ रुपए की लागत से मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जाएगी। इसके लिए 3.25 करोड़ रुपए की लागत से भवन निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। टेंडर हो चुका है और भवन निर्माण के पहले ही कॉलेज की कक्षाएं प्रारंभ की जाएंगी। वनांचल क्षेत्रों में शिविर के माध्यम से सोनोग्राफी सुविधा भी शुरू की गई है। महिलाओं को अब कवर्धा आने की जरूरत नहीं पड़ रही। मोबाइल नेत्र जांच वैन वंनाचल क्षेत्र तरेगांव, रेंगाखार, कुकदूर, बोक्करखार जैसे दुर्गम क्षेत्रों में जाकर मोतियाबिंद की पहचान और इलाज कर रही है।