Ganesh Chaturthi 2025: धूप ही नहीं मिल रही
इस दिन मूर्ति की स्थापना होगी, जिसके लिए मुश्किल से 5 दिन का समय बचा है। तिरपाल के अंदर मूर्ति रखी हुई है जगह भी कम है। बिजली उपकरण से सूखाने का प्रयास चल रहा है। टेबल फैन के आलावा बिना पानी कूलर चलाया जा रहा है। इके अलावा प्रतिमा को सूखाने के लिए स्टोव का भी उपयोग किया जा रहा है। बड़ी
प्रतिमाओं को बाहर सूखने के लिए रखा जाता है, लेकिन जैसे ही रिमझिम बुहार होती है आनन फानन में पॉलीथिन ढंका जाता है।
शहर में मूर्तिकार प्रमुख रूप से सरदार पटेल मैदान में टेंट लगाकर निर्माण किया जा रहा है। अलग-अलग मूर्तिकार अपने हिसाब से यहां हर साल टेंट में ही मूर्ति बनाते आ रहे हैं। लेकिन वो
व्यवस्था उनके द्वारा ही अस्थायी रूप से किया जाता है। उनके पास खुला स्थान नहीं है। ऐसे में बारिश के चलते खुले में मूर्ति रखना या बनाना संभव नहीं होता है। थोड़ी बहुत समय भले ही खुले में रखते हैं लेकिन कभी भी पॉलिथीन ढंकना पड़ जाता है।
अगर उन्हें खुले में शेड लगे स्थान मिल जाए तो आसानी होगी। क्योंकि यह हर साल का काम है, चाहे वो गणेश प्रतिमा हो, मां दुर्गा की प्रतिमा, भगवान विश्वकर्मा व माता लक्ष्मी की प्रतिमा भी बनती है। ऐसे में इन्हें सीजन में जगह मिल जाए तो बेहतर हो सकता है, बाकि समय उस जगह का कोई दूसरा उपयोग भी किया जा सकता है।