CG News: युवाओं के साथ धोखा और विश्वासघात
जब शिक्षकों की भर्ती की बात थी तो अपने घोषणा पत्र में
छत्तीसगढ़ की जनता को गुमराह कर चुनाव जीतने के उद्देश्य से झूठे वादे किए गए, लेकिन अब स्कूलों को ही बंद किया जा रहा है। यह कदम ग्रामीण, गरीब, आदिवासी और दूरस्थ क्षेत्रों के बच्चों के शिक्षा के अधिकार पर सीधा हमला है। सवाल यह उठता है कि जब स्कूल ही नहीं रहेंगे तो 57000 शिक्षक कहां, कब और क्यों भर्ती किए जाएंगे?
एनएसयूआई स्पष्ट मांग है कि सरकार 57000 शिक्षकों की भर्ती की घोषणा को केवल ऽचुनावी जुमलाऽ न बनाए। अगर सरकार में इच्छाशक्ति है तो वह इस भर्ती प्रक्रिया को तत्काल प्रारंभ करे। अगर भाजपा सरकार अपने वादों पर खरा नहीं उतरती, तो यह युवाओं के साथ धोखा और विश्वासघात होगा। यह स्पष्ट है कि सरकार की प्राथमिकता शिक्षा नहीं, केवल आंकड़ेबाजी और दिखावा है। साथ ही प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि आत्मानंद स्कूल के शिक्षकों की जल्द ही नियमित किया जाएगा, नियमितीकरण तो दूर प्रदेश के कई स्कूलों में शिक्षकों को समय पर वेतन तक नहीं मिल रहा है।
युक्तिकरण के नाम पर स्कूल बंद करना आरटीई कानून का उल्लंघन है। सरकार द्वारा युक्तिकरण के बहाने जो 10000 से अधिक स्कूल बंद किए जा रहे हैं, वह केवल प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि कानूनी और संवैधानिक उल्लंघन भी है। भारतीय संविधान की धार्रा 21- और % मुफ्त और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 (आरटीई, 2009)% के तहत हर बच्चे को 6 से 14 वर्ष की आयु तक मुत और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना राज्य का दायित्व है।
प्राइवेट स्कूल को मिल रहा बढ़ावा
आरटीई अधिनियम की धारा 3, 4 और 6 यह स्पष्ट रूप से कहती हैं कि प्रत्येक बच्चे को उसके निकटतम प्राथमिक विद्यालय में प्रवेश और शिक्षा का अधिकार है। ऐसे में स्कूलों को बंद करना न सिर्फ गरीब और ग्रामीण बच्चों को शिक्षा से वंचित करना है, बल्कि आरटीई अधिनियम की मूल भावना का उल्लंघन भी है। एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष शितेष चंद्रवंशी ने बताया कि छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता जब सरकार में नहीं थे तो शराबबंदी के लिए मगरमच्छ के आंसू बहा रहे थे, लेकिन जब छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार आई तो शराब भट्टी खोलने का काम और शराब बेचने के लिए लाइसेंस उपलब्ध करा रहे हैं।
मोदी की गारंटी घोषणा पत्र में 57000 शिक्षकों की भर्ती का वादा करने के बाद 10363 स्कूल को बंद करने का कार्य कर रहे हैं। यह पढ़ाने वाली नहीं, बल्कि शराब पिलाने वाली सरकार है। युक्तिकरण से छत्तीसगढ़ के मध्यमवर्ग व गरीब परिवार के छात्रों को नुकसान होगा। यह सरकार सरकारी स्कूल बंद कर प्राइवेट स्कूल को बढ़ावा दे रही है।
सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई के लिए तैयार
एनएसयूआई युक्तिकरण जैसे शिक्षा विरोधी फैसले का कड़ा विरोध करती है व मांग करती है कि युक्तिकरण के फैसले को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए अन्यथा सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ी जाएगी। ज्ञापन सौंपने के लिए मुख्य रूप से युवा कांग्रेस जिला महासचिव राहुल सिन्हा, जिला महासचिव अमन वर्मा, प्रवीण वर्मा, कवर्धा शहर एनएसयूआई अध्यक्ष मेहुल सत्यवंशी, पिपरिया एनएसयूआई अध्यक्ष ऋषभ वैष्णव, बोड़ला अध्यक्ष जलेश यादव, तुकेश कौशिक, परमा वर्मा, शिवेंद्र वर्मा सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे। नशा के लिए प्रेरित
CG News: भाजपा सरकार एक तरफ 67 नए
शराब दुकान खोल रही है, 28 व 29 मार्च 2025 को नए आबकारी नियम के तहत प्रदेश में एफएल 5 व एफएल 5(क) के तहत प्रतिदिन लाइसेंस उपलब्ध कराने का काम कर रही है और दूसरी तरफ प्रदेश में 10463 स्कूलों का युक्तिकरण कर बंद कर रही है। युवाओं को नौकरी के नाम पर सिर्फ और सिर्फ खोखले वादे मिल रहे हैं।
सरकार प्रदेश छात्र व युवा वर्ग को शिक्षा व रोजगार के जगह नशे के लिए प्रेरित कर रही है। 29 मार्च 2025 को आबकारी विभाग द्वारा जारी पत्र में यह साफ उल्लेखित किया है, शादी, फार्म हाउस, इवेंट, कंसर्ट, संगीत, नृत्य कार्यक्रम, नव वर्ष समारोह सहित क्रिकेट मैच तक में शराब परोसने व पीने के लिए प्रतिदिन के दर से लाइसेंस प्रदान करने तैयार है।