पेटेंट की तैयारी, 3000 से ज्यादा ऑर्डर
सुनील ने बताया कि इस मशीन के लिए पेटेंट की प्रकिया शुरू हो चुकी है, अब तक उन्हें 3000 से अधिक ऑर्डर मिल चुके हैं, जिनकी अनुमानित कीमत 3000 से 4000 करोड़ रुपए तक है। इस कम लागत वाली मशीन को अब निवेशकों का भी सहयोग मिल रहा है। दिल्ली, जबलपुर और कटनी के इन्वेस्टर के साथ मिलकर मशीनें बनाने की तैयारी चल रही है, ताकि पूरे देश में इनकी सप्लाई हो सके।प्रकाश संश्लेषण तकनीक पर आधारित है मशीन
यह मशीन पेड़-पौधों की तरह काम करती है। इसमें लगाए गए विशेष फिल्टर प्रकाश-संश्लेषण तकनीक पर आधारित हैं, जो हवा में मौजूद जहरीले गैसों, कार्बन कणों, पीएम 2.5, पीएम 10 जैसे सूक्ष्म तत्वों को सोखकर उन्हें साफ, प्राकृतिक और शुद्ध हवा में बदलते हैं। यह प्रणाली न केवल हवा को शुद्ध करती है, बल्कि वातावरण का तापमान 5 से 6 डिग्री तक कम करने में भी सहायक है।नौ फिल्टरों का अनोखा सिस्टम
स्काई ओजोन लेयर प्यूरीफायर एफ-1 से एफ -9 तक कुल 9 फिल्टरों पर काम करता है। हर फिल्टर एक विशेष परत में बंटा है, जो हवा को चरणबद्ध तरीके से शुद्ध करता है। पहले स्टेज में बड़े कणों को रोका जाता है, दूसरे स्टेज में गैसों का फिल्ट्रेशन होता है। अंतिम स्टेज में प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से प्राकृतिक ऑक्सीजन निकलती है।
तकनीकी खूबियां जो इसे बनाती हैं खास
यह मशीन सोलर एनर्जी से चलती है, जिससे बिजली की बचत होती है. इसका नेटवर्किंग आधारित सिस्टम इसे ऑनलाइन मॉनिटरिंग के योग्य बनाता है। सीसी कैमरा और कंप्यूटर स्क्रीन के जरिए इसकी रियल-टाइम निगरानी की जा सकती है। इसमें एयरक्वालिटी मीटर, कार्बन संग्रहण यूनिट और लाइटनिंग प्रोटेक्टर जैसी कई हाई-टेक तकनीकें शामिल हैं। मशीन ऑटोमेटिक फिल्टर क्लीनिंग सिस्टम से लैस है, जिससे बार-बार फिल्टर बदलने की जरूरत नहीं पड़ती। यह मशीन अपनी रेंज में 2 लाख 20 हजार सयर फीट एरिया को साफ रखने की क्षमता रखती है।निर्माता का दावा: प्रदूषण और वायरस का खात्मा
यह मशीन कोरोना जैसे वायरस के वेरिएंट्स को 99.8 प्रतिशत तक डीएक्टिवेट कर सकती है। 95 प्रतिशत तक वायु प्रदूषण को रोक सकती है और तापमान में 5 से 6 डिग्री की कमी ला सकती है। यह मशीन सभी प्रकार के वाहन, उद्योग, चिमनी, पावर प्लांट, फैक्ट्रियों और प्रदूषित शहरों से फैलने वाले प्रदूषण को रोकने में सक्षम है। प्रदूषित शहरों को स्वच्छ वातावरण देने में सक्षम है।इस मशीन को तैयार करने वाले युवक से मुलाकात कर खूबियों के बार में जानकारी ली गई है। इसके प्रभावी काम को परखा जाएगा और मशीन का उपयोग प्रदूषण व वायरस को कम करने के लिए हो, इसके लिए आवश्यक पहल की जाएगी।
दिलीप यादव, कलेक्टर।