बेशकीमती खनिज संपदा से समृद्ध कटनी की धरती, उद्योगों के विस्तार से बढ़ेगा रोजगार, सरकार का भरेगा खजाना
डोलोमाइट, लाइमस्टोन, बॉक्साइड, लेटराइट, सेंड स्टोन, मार्बल, आयरनओर, गोल्ड और सिल्वर अयस्क से बदलेगी जिला व प्रदेश की तकदीर, अगस्त में होने वाले कॉनक्लेव से पहले शुरू हुआ खनिज व उद्योग विभाग का मंथन, एक्सपर्ट की भी ली जा रही राय, निवेशकों से साधा जा रहा सम्पर्क, बड़ी कम्पनियों के डायरेक्टरों से हो रहा मशविरा
कटनी. कटनी की मिट्टी में सिर्फ खनिज नहीं, विकास और समृद्धि की नींव छिपी है। यदि शासन, उद्योग जगत और स्थानीय युवा मिलकर इन संभावनाओं को आकार दें, तो आने वाले वर्षों में कटनी न केवल खनिज राजधानी बन सकता है बल्कि रोजगार, शिक्षा और नवाचार का मॉडल जिला भी बन सकता है…। जिले की धरा के गर्भ में बेशकीमती खनिज संपदा समाई हुई है। इसे निकालकर चंद कारोबारी ही मालामाल हो रहे हैं, लेकिन इसस न तो सरकार को पर्याप्त राजस्व मिल और ना ही स्वरोजगार व रोजगार ने बूम पकड़ा है। जिले में मौजूद डोलोमाइट, लाइमस्टोन, बॉक्साइट, लेटराइट, आयरन ओअर, गोल्ड-अयस्क, सिल्वर-अयस्क समेत बेशकीमती धातुओं ने जिले को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खनिज मानचित्र पर खास पहचान दी है। यह खनिज संपदा केवल जिले की आर्थिक रीढ़ नहीं बन सकती, बल्कि भारत को खनिज निर्यात में अग्रणी बनाने की दिशा में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। यदि खनिजवार उद्योगों को बढ़ा मिले तो जिले व प्रदेश को विकास में अलग ही बूम मिल सकता है। रोजगार के नए बड़े द्वार खुल सकते हैं। बहुमूल्य धातुएं और दुर्लभ तत्व के शोध व निर्यात में योगदान से मिनरल मेटलरजी लैब की स्थापना से कटनी खनीज परीक्षण और वैल्यू एडीशन केंद्र बन सकता है। रक्षा, अंतरिक्ष और ऊर्जा क्षेत्रों में उपयोग के लिए देशभर की यूनिवर्सिटीज व कंपनियों से साझेदारी हो सकती है।
डोलोमाइट: फार्मा से कॉस्मेटिक और स्टील इंडस्ट्री तक की रीढ़
डोलोमाइट को लेकर यदि उद्योग स्थापित होते हैं तो स्टील उद्योग में फ्लक्स के रूप में, फार्मास्युटिकल उद्योगों में कैल्शियम-मैग्नीशियम की सप्लीमेंट तैयारी में, कॉस्मेटिक उत्पादों में बेस मटेरियल के रूप में, कांच, सिरेमिक एवं रंग उद्योग में फिक्सिंग एजेंट के तौर पर हो सकता हैद्ध स्पेशल इकोनॉमिक जोन के रूप में बड़वारा क्षेत्र को विकसित कर डोलोमाइट आधारित क्लस्टर तैयार किया जा सकता है। कास्मेटिक और मेडिकल ग्रेड डोलोमाइट की प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित की जा सकती है, जिससे कटनी फार्मा ग्रेड खनिज निर्यातक बन सकता है। इससे स्थानीय ग्रामीण युवाओं को खनन, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, क्वालिटी टेस्टिंग जैसी स्किल्स में प्रशिक्षित कर हजारों प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार दिए जा सकते हैं।
लाइमस्टोन: निर्माण उद्योग की धूरी
कटनी में लाइमस्टोन की प्रचुरता है। इसका उपयोग सीमेंट निर्माण, पुट्टी निर्माण, कागज एवं रसायन उद्योग, क्विक-लाइम उत्पादन, जो पानी व स्वच्छता योजनाओं में प्रयोग हो सकता है। लाइमस्टोन बेस्ड सीमेंट प्लांट्स के लिए भूमि चिन्हांकन्र क्विक लाइम प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित कर राज्य के पेपर और टेक्सटाइल उद्योगों को सप्लाई मध्यप्रदेश में निर्माणाधीन स्मार्ट सिटी परियोजनाओं में प्राथमिक उपयोग हो सकता है। स्थानीय ठेका व सप्लाई चैन नेटवर्क के विस्तार से हजारों रोजगार सृजन की संभावना है।
बॉक्साइट: एल्युमिनियम क्रांति की नींव
बॉक्साइट उद्योगों को बढ़ावा देने पर एल्युमिनियम उत्पादन, एयरोस्पेस, ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रिकल उद्योग बढ़ेंगे। बंद पड़ी खदानों को जियो-पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के साथ-साथ एल्युमिनियम स्मेल्टर यूनिट्स की स्थापना होगी। एल्युमिनियम फेब्रिकेशन और निर्यात हब के रूप में कटनी की पहचान बन सकती है। एल्युमिनियम प्रोसेसिंग में तकनीकी, अकुशल और सपोर्ट स्टाफ की बड़ी मांग, खासतौर पर महिलाओं के लिए जॉब सृजन हो सकता है।
लेटराइट: स्टील और निर्माण की अहम धातु
इस क्षेत्र के उद्योगों के स्थापित होने से आयरन युक्त स्टील इंडस्ट्री तैयार होंगी। मिट्टी सुधार और रोड कंस्ट्रक्शन में काम होगा। मिट्टी सुधार योजनाओं में उपयोग कर कृषि क्षेत्र को भी लाभ, एनवायरनमेंट-फ्रेंडली ईंट निर्माण की यूनिट्स को बढ़ावा मिलोगा। ग्रीन निर्माण सामग्री के उत्पादन से स्थानीय स्टार्टअप्स मिलेगा।
लौह अयस्क:
भारी उद्योगों की रीढ़ है। इस्पात व लोहे के उत्पाद होगा। रेल, ऑटोमोबाइल, मशीनरी निर्माण में जिला बड़ा मददगार बन सकता है। इसके अलावा स्पॉन्ज आयरन और रोलिंग मिल्स की स्थापना हो सकती है। कटनी को माइक्रो स्टील क्लस्टर के रूप में विकसित किया जा सकता है। तकनीकी एवं मैन्युअल वर्कफोर्स की मांग में उछाल होने से रोजगार बढ़ेगा। स्थानीय आईटीआई और इंजीनियरिंग कॉलेज के विद्यार्थियों को सीधा लाभ होगा।
कटनी में शीघ्र ही गोल्ड और सिल्वर अयस्क का खनन होगा। निवेश और निर्यात की चाबी होगी। ज्वेलरी निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं मेडिसिन क्षेत्र जोर पकड़ेगा। प्रदेश और केंद्र सरकार के मूल्यवान खनिज उत्खनन कार्यक्रमों में कटनी की सहभागिता बढ़ेगी। विदेशी निवेशकों को आकर्षित कर स्माल स्केल रिफाइनरी की स्थापना हो सकती है। स्थानीय कारीगरों के लिए ज्वेलरी डिजाइनिंग एवं प्रोसेसिंग ट्रेनिंग में रोजगार सृजित होंगे।
फैक्ट फाइल
जिले में मुख्य खनिज की खनि रियायतों की 201 खदानों में से 123 खदानें कार्यशील, इसमें लाइम स्टोन, बाक्साइट, मैंगनीज, डोलोमाई, लेटराइट शामिल।
गौण खनिजों की जिले में स्वीकृत 165 खदानों में से 101 खदाने कार्यशील
शहर की सीमा के अंतर्गत 22 बंद पड़ी खदानों को पर्यटन सुविधाओं की दृष्टि से किया जा सकता है विकसित
जिले में बेसमेटल कॉपर, लेड व जिंक के भंडार, मार्बल और सेंड स्टोन दिला सकता है अलग पहचान।
क्रशर डस्ट का उपयोग एमसेण्ड के रूप में शासकीय निर्माण कार्यों में प्राथमिकता से किए जाने एम-सेण्ड की अतिरिक्त रायल्टी लेकर परिवहन अनुज्ञा के रूप में निर्वतन कराने सम्बन्धी जोड़े जाए
पत्थर का उपयोग शहरों के चौराहें में मूर्तियों, मीनारों के रूप में, मार्बल वेस्टेज/खंडा का उपयोग फुटपाथ के सौन्दर्गीकरण में किया जाए
खनिज अधिकारी ने कही यह बात
रत्नेश दीक्षित, उप संचालक खनिज ने कहा कि अगस्त माह में कटनी में सरकार का कान्क्लेव प्रस्तावित है। इसकी तैयारी कलेक्टर के निर्देशन में चल रही है। खनिज के क्षेत्र में किन-किन उद्योगों को बढ़ावा दिया जा सकता है, निवेशकों के लिए क्या फायदेमंद रहेगा यह रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
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