मिलेगा खनिज संपदा को बढ़ावा
कॉन्क्लेव में प्रदेश सहित देश भर के खनन क्षेत्र में कार्य करने वाले नामचीन उद्योगपति शामिल होंगे। कटनी की धरती पर बेशकीमती खनिजों की भरमार है। इस आयोजन में देश और विदेश से 500 से अधिक निवेशक भाग लेंगे। वे कटनी की खनिज संपदा में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे और अपने अनुभव साझा करेंगे। खनिजों की संभावनाओं को विश्वपटल पर लाने और निवेशकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से यह कॉन्क्लेव आयोजित किया जा रहा है। पीएस ने मंचस्थल, प्रदर्शनी स्थल, उद्योगपतियों के साथ वन-टू-वन चर्चा स्थल, सेक्टोरियल प्रेजेंटेशन, पार्किंग स्थल आदि का जायजा लिया और अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। Exclusive: बांग्लादेश बॉर्डर से गेट कूदकर भारत पहुंचे दो नाबालिक, एक कटनी स्टेशन से धराया
ये हैं खनिज संपदा एवं संभावनाएं
जिला समृद्ध खनिज संपदा के लिए प्रसिद्ध है। यहां प्रमुख रूप से लाइम स्टोन, डोलोमाइट, मार्बल, बाक्साइट, लेटराइट एवं फायर क्ले जैसे खनिज प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं। इन खनिजों के कारण जिले में चल रही मौजूदा औद्योगिक गतिविधियों को अधिक गति मिलेगी। प्रमुख रेलवे ट्रांजिट और लॉजिस्टिक हब माना जाता है। यहां से 5 प्रमुख रेल मार्ग गुजरते हैं। जो कटनी को उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम भारत से जोड़ते हैं। वर्तमान में जिले के खनिज लाइमस्टोन, डोलोमाइट मार्बल और बाक्साइट का परिवहन रेलवे द्वारा देश के औद्योगिक क्षेत्रों तक किया जाता है। हवाई यातायात में कटनी का निकटतम हवाई अड्डा यहां से 100 किलोमीटर दूर जबलपुर में है। जो देश के प्रमुख नगरों से जुड़ा हुआ है।
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इन क्षेत्रों में है उद्योगों की संभावनाएं
लाइमस्टोन जिले के बड़वारा और विजयराघवगढ़ में मिलता है। जिसका उपयोग सीमेंट, चूना, स्टील और कागज उद्योग में होता है। वहीं डोलोमाइट जिले के स्लीमनाबाद और बड़वारा क्षेत्र में उपलब्ध है। जो स्टील और पुट्टी प्लांट के लिए उपयोगी है। बहोरीबंद और स्लीमनाबाद क्षेत्र में अच्छी गुणवत्ता का मार्बल उपलब्ध है। जो भवन निर्माण और सजावटी वस्तुओं व मूर्तियां बनाने के लिए प्रसिद्ध है। इसी प्रकार तहसील कटनी और स्लीमनाबाद क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में बाक्साइट पाया जाता है। जो एल्युमीनियम का प्रमुख स्रोत है। फायर क्ले, अग्निरोधी ईंट और टाइल निर्माण में प्रयोग होता है। वहीं लेटेराइट भूमि सुधार और जलसंरक्षण के लिए उपयोगी है। मिनरल एण्ड माइनिंग सेक्टर के अलावा जिला एग्रोबेस्ड औद्योगिक इकाईयों के मामले में भी समृद्ध है। यहां चावल, तुअर दाल, गेहूं का आटा, चने की पिसाई, मैदा, मसाले, फल, सुगंधित पौधे, फूल, उद्यानिकी और औषधीय पौधों का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। इसलिए यहां कृषि सेक्टर के उद्योगों की स्थापना के व्यापक अवसर हैं।