परिजनों ने मांगा न्याय, व्यवस्था पर उठे सवाल
मृतक के परिजनों और ग्रामीणों ने इस पूरे घटनाक्रम को मानवता को शर्मशार करने व प्रशासन की संवेदनहीनता बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि न सिर्फ पुलिस ने गुमशुदगी को गंभीरता से लिया, बल्कि मृत्यु के बाद भी शव के साथ असंवेदनशील व्यवहार किया गया। अब परिजन मामले की गहन जांच की मांग कर रहे हैं और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीण महेंद्र जायसवाल, विशाल महोबिया रिश्तेदार आदि ने बताया कि पुलिस के द्वारा यह वाहन मुहैया कराया गया है। कहा गया कि शव लेकर आप लोग जिला अस्पताल पहुंचें। वहां से ट्रैक्टर में लाश लेकर जिला अस्पताल पीएम कराने लेकर आए फिर गांव रवाना हुए।वर्जन
बढ़ैया खेरा के पास पुलिया के नीचे युवक की लाश मिली है। युवक 1 अगस्त को सुबह 9 बजे घर से निकला था, फिर लापता हो गया था। परिजनों ने हत्या की आशंका जताई है। पीएम रिपोर्ट आने के बाद कारणों का खुलासा हो सकेगा। शव वाहन के लिए संपर्क किया गया, जब वह नहीं मिला तो परिजन टै्रक्टर में शव लेकर गए।
सुयश पांडेय, चौकी प्रभारी बिलहरी।
जिस प्रकार से 108 एंबुलेंस के लिए कॉल करते हैं, ठीक उसी प्रकार शव वाहन के लिए भी कंट्रोल में फोन कर सुविधा ली जानी है। शव लाने और ले जाने के लिए वाहन क्यों नहीं मुहैया कराया गया, इसका पता लगाया जाएगा। लापरवाही पाए जाने पर दोषियों की खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शव वाहन की सुविधा उपलब्ध है।
डॉ. राज सिंह, सीएमएचओ।
शव वाहन की आवश्यकता के लिए हमारे पास कोई सूचना नहीं आई और ना ही शव वाहन के स्टॉफ ने दी। इस मामले का पता लगाया जाएगा कि परिजनों से किससे संपर्क किया और वाहन क्यों नहीं मिला। संभवत: पीएम के बाद जो आवश्यक दस्तावेज है वह न दिया गया होगा, इसलिए वाहन नहीं मिला।
संतोष दुबे, शव वाहन समन्वयक।