उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में सिंचाई विभाग के तत्कालीन अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता सहित 25 अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है। शासन ने इस संबंध में जिलाधिकारी को कार्रवाई करने को है। बोरिंग कार्य में घोर अनियमिताएं पाई गई है। निर्धारित गहराई और गुणवत्ता के मानकों का पालन नहीं किया गया है। इसके साथ ही फर्जी भुगतान दिखाकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है। जनहित के मामले में यह लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इनके खिलाफ होगी कार्रवाई
लघु सिंचाई विभाग के तत्कालीन अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता, पांच अवर अभियंता, 16 बोरिंग टेक्नीशियन, दो सहायक बोरिंग टेक्नीशियन शामिल है। जिनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है। उथली बोरिंग में भ्रष्टाचार
मामला 2022-23 से जुड़ा है। जिसमें उथली बोरिंग का कार्य विभाग से कराया जाना था। बताया जाता है कागजों पर लाभार्थियों की सूची बनाकर फर्मो के माध्यम से बोरिंग करना दिखाया गया था। इस मामले में शिकायत आने के बाद जिलाधिकारी ने जांच कराई। जिसमें पाया गया कि लिखा पड़ी में 5646 बोरिंग दिखाई गई। जबकि सत्यापन में 3873 बोरिंग ही पाई गई। पूछताछ में कई लाभार्थियों के विषय में जानकारी भी नहीं प्राप्त हुई। डीएम ने जांच के आधार पर शासन को रिपोर्ट भेजी। जिस पर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।