महामंदिर थानाधिकारी देवेंद्र सिंह देवड़ा ने बताया, बीजेएस कॉलोनी कालवी प्याऊ क्षेत्र में रहने वाले विनोद भगासरा (50) रविवार रात करीब पौने नौ बजे अपने घर में बिजली का प्लग ठीक कर रहे थे। तभी बिजली का तार छू आने से उन्हें जोर का झटका लगा और नीचे गिर पड़े। उन्हें मुख्य मंडोर रोड पर भदवासिया पुलिया के निकट स्थित श्रीराम हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन वहां डॉक्टर ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया।
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हॉस्पिटल के संचालक डॉ. सुनील चांडक ने बताया कि परिजन उन्हें लेकर पहुंचे थे, उससे पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी। उनका शरीर भी नीला पड़ चुका था। घटना की जानकारी मिलने के बाद हॉस्पिटल पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर एमजीएच मोर्चरी में रखवाया है।
इन लोगों ने दी श्रद्धांजलि
विनोद भगासरा की असामयिक मृत्यु की खबर मिलते ही राजस्थान की राजनीति के विभिन्न स्तरों से शोक संदेश आने लगे। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, जो स्वयं भी जेएनवीयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुके हैं, ने गहरा दुख व्यक्त किया। उल्लेखनीय है कि शेखावत भी 1989 से 2004 के बीच जेएनवीयू के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे थे। इसी तरह, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और रविन्द्र सिंह भाटी ने भी भगासरा के निधन पर शोक व्यक्त किया है। कांग्रेस पार्टी से जुड़े विभिन्न नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनकी मृत्यु को राजस्थान की छात्र राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति बताया है।
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छात्र राजनीति में भगासरा की विरासत
जेएनवीयू की छात्र राजनीति ने राजस्थान को कई महत्वपूर्ण राजनीतिक नेता दिए हैं। गजेंद्र सिंह शेखावत, हरीश चौधरी, बाबू सिंह राठौड़ से लेकर रविंद्र भाटी तक, सभी इसी विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति से निकले हैं। विनोद भगासरा भी इसी परंपरा के एक महत्वपूर्ण हिस्से थे।
साल 1997 में जब भगासरा ने जेएनवीयू छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव जीता था, तब जेएनवीयू में छात्र राजनीति अपने चरम पर थी। उस समय एनएसयूआई और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा होती थी और भगासरा की जीत कांग्रेस की छात्र राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी।
ऐसा रहा भगासरा का राजनीतिक सफर
-विनोद भगासरा का राजनीतिक सफर 1990 के दशक में शुरू हुआ था, जब वे जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय में छात्र थे।
-साल 1997 में उन्होंने नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के टिकट पर छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव जीता था।
-जेएनवीयू में छात्रसंघ चुनाव राजस्थान की मुख्यधारा की राजनीति में प्रवेश का एक महत्वपूर्ण माध्यम रहे हैं और भगासरा इस परंपरा के एक सफल उदाहरण थे।
-भगासरा न केवल छात्रसंघ के अध्यक्ष थे, बल्कि कला संकाय में उपाध्यक्ष भी रह चुके थे।
-उनकी सक्रियता केवल राजनीति तक सीमित नहीं थी, बल्कि वे सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी सक्रिय रूप से भाग लेते थे।