मां नहीं कर पाई बॉर्डर पार, रोते हुए पाकिस्तान पहुंचीं 2 बेटियां, जोधपुर की दो महिलाएं अटारी सीमा से लौटीं
निकाह के बाद पाक नागरिकता न होने से जोधपुर की दो महिलाएं अटारी बॉर्डर से लौटीं, एक महिला की दो बेटियों को सीमा पार भेजा, लेकिन मां को रोका, अब रो-रोकर बुरा हाल
केंद्र सरकार का पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश जोधपुर की दो महिलाओं के लिए आफत लेकर आया। जोधपुर में पीहर आई दोनों महिलाएं पाकिस्तान लौटने के लिए अटारी बॉर्डर पहुंची, लेकिन पाकिस्तान की नागरिकता न होने से उन्हें सीमा पार नहीं जाने दिया गया।
इनमें से एक महिला की दो बेटियों को पाक नागरिकता होने से सीमा पार करवा दिया गया, लेकिन मां भारत में ही अटक गईं। जबकि दूसरी महिला के दो बच्चे पाकिस्तान में हैं। दोनों महिलाएं बॉर्डर से जोधपुर लौटी और प्रशासन से जल्द से जल्द पाकिस्तान भेजने की व्यवस्था करने की मांग की है।
केस-1: बच्चे बिलख रहे पाकिस्तान में
मैं पाकिस्तान के कराची में परिवार सहित रहती हूं। जोधपुर में माता-पिता रहते हैं। ग्यारह वर्ष पूर्व निकाह किया था। दो बच्चे हैं, जो पाकिस्तान में रहते हैं। चार साल के अंतराल के बाद 30 दिन पहले जोधपुर में पीहर आई थी। पहलगाम की घटना के बाद सरकारी आदेश पर तीन घंटे में सामान पैक कर पाकिस्तान लौटने के लिए 900 किमी दूर अटारी बोर्डर पहुंची थी। मेरे पास अभी भारतीय नागरिकता ही है और पाकिस्तानी नागरिकता नहीं मिली है।
इसलिए सीमा सुरक्षा बल ने मुझे रोक दिया और सीमा पार नहीं जाने दिया। पति व दो-दो साल के दोनों बच्चे मुझे लेने सीमा पर आए थे। बच्चे मुझसे पूछ रहे थे कि अम्मी कब आओगी? मैं कोई जवाब नहीं दे पाई। अब मैं बच्चों को कैसे समझाऊं? क्या जवाब दूं? कराची में रहने वाली आफसीन जहांगीर ने रविवार को अटारी बोर्डर से लौटने के बाद रोते हुए पत्रकारों को यह जानकारी दी।
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केस-2: मां को अलग किया
एक महिला ने बताया कि मेरे पास ब्ल्यू पासपोर्ट है। दो बच्चियां हैं, जिनके पास ग्रीन पासपोर्ट है। अटारी बॉर्डर पहुंची तो सुरक्षा बलों ने ग्रीन पासपोर्ट होने से दोनों बेटियों को सीमा पार करवा दी, लेकिन ब्ल्यू पासपोर्ट होने से मुझे अंदर जाने से रोक दिया गया।
दोनों बेटियों रोते हुए सीमा पार कर गई। अब सरकार मुझे किसी तरह पाकिस्तान जाने दें। कोई रास्ता खोले। डेढ़-दो साल के दूध मुंहे बच्चों को जवानों ने सीमा पार कराई, लेकिन मां को साथ नहीं जाने दिया। बॉर्डर पर तीस महिलाएं रो रही हैं। बॉर्डर से वापस लौटी अनूदा ने यह बात पत्रकारों को बताई।