अब यह हो सकेगा
अब खदान की गहराई में भी इंटरनेट नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध होने से खदान में हो रही हर गतिविधि पर रीयल-टाइम नजर रखी जा सकेगी। नियंत्रण कक्ष से लेकर गहराई में काम कर रहे मजदूरों तक, सभी को आपस में जोड़ा जा सकेगा और आपात स्थिति में तेजी से राहत कार्य शुरू करना संभव होगा।
हादसे से लिया गया सबक
कोलिहान खदान में पिछले साल हुए हादसे के बाद कंपनी व प्रबंधन स्तर पर हुई बैठकों में खदान की सुरक्षा, निगरानी और आपातकालीन स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया को लेकर गहन मंथन किया गया। तकनीकी रूप से खदान को और अधिक सशक्त बनाने की आवश्यकता को गंभीरता से समझते हुए कई प्रस्तावों पर चर्चा हुई, जिनमें सबसे अहम था खदान के भीतर इंटरनेट नेटवर्क की सुविधा को स्थापित करना था।
सुरक्षा और उत्पादन-दोनों में मिलेगी रफ्तार
केसीसी परियोजना के कार्यपालक निदेशक जीडी गुप्ता ने बताया कि इस तकनीक से अब खदान में कार्यरत कर्मचारियों को रीयल-टाइम कम्युनिकेशन, डेटा शेयरिंग और आपातकालीन परिस्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया का लाभ मिलेगा। इससे न केवल सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि उत्पादन भी पहले से अधिक प्रभावी हो पाएगा।