प्रदर्शन में मौजूद पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा के साथ भी धक्का-मुक्की की स्थिति बन गई, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई। गुस्साई भीड़ ने गुढ़ा की गिरेबान तक पकड़ ली। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को बलपूर्वक हटाया और स्थिति को नियंत्रित किया।
क्या है सुभाष मेघवाल हत्याकांड?
जानकारी के मुताबिक सुभाष मेघवाल (निवासी धनुरी, थाना बिरमी) दुबई में कार्यरत था और 5 मई को अपने गांव लौटा था। 16 मई की रात वह गांव के पास रोहिड़ा बस स्टैंड के पास स्थित होटल पर खाना खाने गया था, जहां त्रिलोका का बास निवासी मुकेश जाट से उसकी कहासुनी हो गई। होटल से निकलने के बाद रास्ते में मुकेश और उसके साथियों ने सुभाष पर हमला कर दिया। परिजनों को वह खून से लथपथ हालत में मिला, जिसके बाद उसे झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल लाया गया और फिर जयपुर व चौमूं के निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। नौ दिन तक जिंदगी से जूझने के बाद 25 मई की रात सुभाष ने दम तोड़ दिया।
पुलिसकर्मी पर हत्या का आरोप
गंभीर बात यह है कि परिजनों ने हत्या का आरोप झुंझुनूं पुलिस में कार्यरत मुकेश जाट पर लगाया है, जो वर्तमान में प्रमोशन के बाद पुलिस मुख्यालय जयपुर में पदस्थ है। सुभाष की पत्नी मनोज देवी ने 18 मई को धनुरी थाने में FIR दर्ज कराई थी, लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, जिससे लोगों का गुस्सा भड़क उठा है।
परिजनों का मॉर्चरी के बाहर धरना
मृतक के परिजन और ग्रामीणों ने बीडीके अस्पताल की मॉर्चरी के बाहर धरना दे रखा है। उनका साफ कहना है कि जब तक मुख्य आरोपी मुकेश जाट और उसके साथियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक पोस्टमॉर्टम और अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। प्रदर्शन के दौरान ‘पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद’ और ‘सुभाष को न्याय दो’ जैसे नारे लगे। पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने भी प्रदर्शनकारियों का साथ देते हुए प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि पीड़ित परिवार को इंसाफ मिलना ही चाहिए।
जिला प्रशासन ने क्या कहा?
जिला प्रशासन की ओर से बताया गया कि प्रदर्शनकारी कलेक्ट्रेट परिसर में जबरन घुसने का प्रयास कर रहे थे, जिससे सुरक्षा व्यवस्था को खतरा था। ऐसे में पुलिस ने आवश्यक बल प्रयोग किया और स्थिति को नियंत्रित किया गया। फिलहाल कलेक्ट्रेट परिसर में माहौल शांत है, लेकिन गांव और जिले भर में लोगों में आक्रोश व्याप्त है।