बता दें कि 14 वर्षीय निशांत ने शव को देखकर रो-रोकर बुरा हाल कर लिया और बोला ‘मेरे पापा अब कभी नहीं आएंगे।’ वहीं, 17 वर्षीय जुड़वां बेटियां साक्षी और छवि ने कहा ‘जब तक हत्यारों को फांसी नहीं दी जाती, हम पिता की अंतिम यात्रा नहीं होने देंगे।’ बाद में बेटियों और बेटे ने पिता की पार्थिव देह को कंधा दिया और सैन्य परंपरा के तहत सलामी भी दी। सेना की टुकड़ी ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंतिम विदाई दी। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण और पूर्व सैनिक मौजूद रहे, जिन्होंने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की।

आक्रोशित ग्रामीणों ने बुहाना-सूरजगढ़ रोड पर लगाया जाम
चिड़ावा डीएसपी विकास धींधवाल की समझाइश के बाद बुधवार रात ग्रामीण और परिजन शव लेने को तैयार हो गए थे। लेकिन गुरुवार सुबह जब अस्पताल से पार्थिव देह को फूलों से सजे सेना के ट्रक में गांव लाया जा रहा था, तब काकोड़ा पेट्रोल पंप के पास ग्रामीणों का गुस्सा फिर फूट पड़ा। उन्होंने गाड़ियों को सड़क पर आड़ा-तिरछा लगाकर बुहाना-सूरजगढ़ रोड पर करीब एक घंटे तक जाम लगा दिया। बाद में सूरजगढ़ थानाधिकारी हेमराज मीणा और सेना के अधिकारियों की समझाइश के बाद जाम खोला गया।
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साजिशन हत्या का आरोप, दो हिरासत में
विक्रम सिंह के भाई विनोद ने पुलिस को दी रिपोर्ट में हत्या को पूर्व नियोजित साजिश बताया। परिजनों ने तत्काल गिरफ्तारी और फांसी की मांग की। उनका कहना है कि हमलावर युवक विक्रम को पहले से जानते थे और किसी पुराने विवाद या कहासुनी के चलते इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया गया। सूरजगढ़ थानाधिकारी हेमराज मीणा ने बताया कि हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है और दो संदिग्ध हिरासत में हैं। कॉल डिटेल, मोबाइल लोकेशन और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के आधार पर जांच जारी है।
एक साल बाद सेवानिवृत्ति की थी तैयारी
विक्रम सिंह अपने पीछे पत्नी अमिला, दो बेटियां और एक बेटा छोड़ गए। मां अंबिका और पूरा परिवार सदमे में है। विक्रम अगले वर्ष सेना से सेवानिवृत्त होकर परिवार संग गांव में रहने की योजना बना रहे थे।
सामूहिक आक्रोश, सोशल मीडिया पर भी उबाल
गांव ही नहीं, पूरे क्षेत्र में इस हत्या को लेकर भारी गुस्सा है। ग्रामीणों और पूर्व सैनिकों ने एकजुट होकर कठोर कार्रवाई की मांग की। सोशल मीडिया पर भी व्यापक प्रतिक्रिया देखी गई। पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने भी पत्रिका की खबर को साझा करते हुए इसे राजस्थान में बिगड़ती कानून व्यवस्था का उदाहरण बताते हुए सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की।
कैसे हुई विक्रम सिंह की हत्या?
विक्रम सिंह पुत्र जगमाल सिंह 18 राज राइफल्स में कंपनी हवलदार मेजर के पद पर पंजाब के अबोहर में तैनात थे। वह 7 जून को छुट्टी पर अपने गांव आए और 10 जून की रात ड्यूटी पर लौटने के लिए घर से निकले थे। तभी गांव के दो युवकों ने उनका अपहरण कर लिया और अपने घर ले जाकर बेरहमी से मारपीट की। गंभीर हालत में उन्हें घर के बाहर फेंक दिया गया। इलाज के दौरान बुधवार को विक्रम सिंह की मृत्यु हो गई।