समाजसेवी के प्रयासों की सराहना
आपणी गोशाला के सचिव कमल जोशी ने बताया कि गाय की हालत गंभीर थी और डॉ. विनोद कस्वां की देखरेख में ऑपरेशन किया गया। इस कार्य में गोसेवक पंकज, शेखर, अंकित, रमेश प्रजापत, सचिन और सौरव की टीम ने महत्वपूर्ण सहयोग दिया। जोशी ने बताया कि यह ऑपरेशन इसलिए संभव हो सका क्योंकि कस्बे के समाजसेवी जगदीश कसेरा ने कुछ समय पहले गोशाला में एक ऑपरेशन थिएटर बनवाया था। संसाधनों की कमी के बावजूद, इस सुविधा ने गाय की जान बचाने में अहम भूमिका निभाई। ऑपरेशन के दौरान गाय के पेट से निकला 80 किलो अपशिष्ट इस बात का सबूत है कि खुले में फेंके गए कचरे और पॉलीथीन का उपभोग पशु अनजाने में कर लेते हैं, जो उनकी सेहत के लिए घातक साबित होता है। आपणी गोशाला की इस पहल ने न केवल पशु कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई, बल्कि यह भी प्रदर्शित किया कि सामुदायिक सहयोग और संसाधनों का सही उपयोग कैसे जानवरों की जान बचा सकता है।
पॉलीथीन का उपयोग कम करने की अपील
पशुपालन विभाग ने इस घटना के बाद नागरिकों से अपील की है कि वे पॉलीथीन का उपयोग कम करें और कूड़ा-कचरा खुले में न फेंकें। विभाग ने यह भी सलाह दी है कि पशुपालक अपने पशुओं को खुले में कचरा खाने से रोकें, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।