यह मामला 28 जून को मऊरानीपुर थाना क्षेत्र के मेलौनी गांव में हुए एक मारपीट के विवाद से जुड़ा है। मेलौनी गांव के ज्वाला प्रसाद यादव और बृजकिशोर के बीच हुई इस मारपीट में ज्वाला प्रसाद यादव को गंभीर चोटें आई थीं, यहाँ तक कि उनका पैर भी टूट गया था।
ज्वाला प्रसाद के बेटे अभिषेक यादव उर्फ छोटू ने अगले दिन मऊरानीपुर थाने में बृजकिशोर और अन्य के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज कराया था। वहीं, दूसरे पक्ष के बृजकिशोर की तहरीर पर ज्वाला, अभिषेक और अन्य के खिलाफ भी मामला दर्ज हुआ। इन दोनों मामलों की जांच का जिम्मा दरोगा विनीत कुमार को सौंपा गया था।
40 हजार रुपए की मांगी थी घूस
ज्वाला प्रसाद को गंभीर चोट लगने के बाद, उनके बेटे अभिषेक ने दरोगा विनीत कुमार से आरोपियों पर सख्त कार्रवाई करने और केस में कड़ी धाराएं जोड़ने का अनुरोध किया। इसी के एवज में दरोगा विनीत कुमार ने अभिषेक से 40,000 रुपये की रिश्वत की मांग की। अभिषेक यादव ने बताया कि उनके पिता का पैर टूट गया था और कंधे में भी गंभीर चोट थी, लेकिन दरोगा 12 दिनों से न तो धाराएं बढ़ा रहा था और न ही आरोपियों पर कोई कार्रवाई कर रहा था। पैर टूटने के बावजूद आरोपियों पर कड़ी धाराएं न लगाने के लिए वह रिश्वत मांग रहा था। आखिरकार, यह ‘डील’ 40,000 रुपये में तय हुई, जिसमें 15,000 रुपये एडवांस और बाकी 25,000 रुपये धाराएं बढ़ाने के बाद दिए जाने थे।
एंटी करप्शन टीम की घेराबंदी और गिरफ्तारी
अभिषेक यादव ने बिना देर किए एंटी करप्शन टीम को इस रिश्वतखोरी की शिकायत कर दी। योजना के अनुसार, दरोगा विनीत कुमार ने गुरुवार सुबह अभिषेक को पैसे लेने के लिए मऊरानीपुर के अंबेडकर चौराहे पर बुलाया। निरीक्षक ठाकुरदास के नेतृत्व में एंटी करप्शन टीम पीड़ित अभिषेक के साथ अंबेडकर चौराहे पर पहुंची और घेराबंदी कर ली। जैसे ही दरोगा विनीत कुमार अंबेडकर चौराहे पर आया और अभिषेक को फोन किया, अभिषेक ने उसे 15,000 रुपये दे दिए। इसी दौरान, टीम ने इशारा पाकर दरोगा विनीत कुमार को रंगेहाथ पकड़ लिया। आरोपी दरोगा विनीत कुमार मूल रूप से बागपत के टटीरी का रहने वाला है। टीम उसे गिरफ्तार कर झांसी के प्रेमनगर थाना ले गई, जहां उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।