scriptसरकार ने बैलों का बीमा करवाने की शर्त हटाई, मिलेगी 30 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि | The government has removed the condition of getting insurance for bulls, they will get an incentive amount of Rs 30,000 | Patrika News
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सरकार ने बैलों का बीमा करवाने की शर्त हटाई, मिलेगी 30 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि

सरकार की ओर से बैलों से खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लघु एवं सीमांत किसानों को प्रतिवर्ष 30 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि देने की योजना शुरू की गई थी। इसके लिए पोर्टल पर आवेदन करना अनिवार्य था।

झालावाड़Aug 20, 2025 / 04:12 pm

Kamlesh Sharma

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Photo- ANI

सुनेल (झालावाड़)। सरकार की ओर से बैलों से खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लघु एवं सीमांत किसानों को प्रतिवर्ष 30 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि देने की योजना शुरू की गई थी। इसके लिए पोर्टल पर आवेदन करना अनिवार्य था। योजना की घोषणा को पांच माह हो चुके हैं, लेकिन जिले में एक भी आवेदन नहीं आया। योजना का लाभ किसानों तक नहीं पहुंच पा रहा था क्योंकि इसमें एक शर्त बाधा बन रही थी। इसके तहत किसान को बैलों का बीमा करवाना आवश्यक था, जबकि प्रदेश में कोई भी बीमा कंपनी दुधारु पशुओं के अलावा अन्य पशुओं का बीमा नहीं करती। जिससे जिले सहित पूरे प्रदेश में योजना का दम टूट रहा था। अब सरकार ने किसानों की परेशानी दूर करते हुए बैलों का बीमा करवाने की शर्त हटा दी है। किसान केवल पशु स्वास्थ्य प्रमाण पत्र के साथ भी इस योजना में आवेदन कर सकेंगे।

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गांवों में घट रही बैलों की संख्या

किसानों के अनुसार पहले हर गांव में बैलों की दर्जनों जोड़ियां देखी जाती थीं। मगर समय बदलने और आधुनिक सिंचाई उपकरणों के प्रयोग के कारण अधिकतर किसानों ने बैलों को त्याग दिया। इसके चलते पशुधन की संख्या में तेजी से गिरावट आई है। पहले कई स्थानों पर बड़े पशु मेले आयोजित होते थे, लेकिन अब खेतों में बैलों के कम उपयोग के कारण इन मेलों का अस्तित्व भी संकट में है। इसी को देखते हुए सरकार ने बैलों से खेती को बढ़ावा देने के लिए यह योजना शुरू की।

बीमा पॉलिसी की शर्त से परेशान थे किसान

मुख्यमंत्री बजट घोषणा में इस योजना की घोषणा की गई थी। इसके तहत लघु एवं सीमांत कृषकों को बैलों से खेती करने पर प्रतिवर्ष 30 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि मिलेगी। हालांकि, बीमा पॉलिसी की शर्त के कारण जिले में अभी तक कोई आवेदन नहीं आया। किसान कृषि विभाग और पशुपालन विभाग के चक्कर काटते रहे, लेकिन समाधान नहीं मिल पाया।

पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया था मामला

जिले के किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिलने के संबंध में राजस्थान पत्रिका ने गत 3 जून के अंक में विभागों के चक्कर लगाने को मजबूर काश्तकार शीर्षक से प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। इसमें बताया था कि इस योजना का लाभ लेने के लिए काश्तकारों को ई-मित्र पर जाकर अथवा स्वयं के स्तर पर राजकिसान साथी पोर्टल पर जनाधार के माध्यम से आवेदन करना होगा।
इसमें पशु बीमा पॉलिसी एवं स्वास्थ्य प्रमाण पत्र भी अपलोड करना आवश्यक होगा, लेकिन इसमें बैलों का बीमा कौनसी एजेंसी करेगी, इसका कोई भी उल्लेख नहीं है। प्राइवेट एजेंसी पशुओं का बीमा करती है, लेकिन वह सिर्फ दुधारु पशुओं का बीमा करती है। एजेंसियां भी बैलों का बीमा करने से मना कर रही है। इसके चलते किसानों में असमंजस की स्थिति बन गई।
पशु बीमा पॉलिसी की शर्त के कारण किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था। इसके लिए किसान सरकारी विभागों में चक्कर लगा रहे थे। अब सरकार की ओर से पशु बीमा पॉलिसी की शर्त को हटवाने से किसानों का इसके प्रति रुझान बढ़ेगा।
मुकेश मेहर, किसान

सरकार की ओर से बैलों से खेती को प्रोत्साहन देने के लिए योजना में 30 हजार रुपए प्रतिवर्ष दिए जाएंगे। इसमें बैलों का बीमा कराने में परेशानी की बात सामने आई थी। अब इस शर्त को हटा दिया गया है। केवल स्वास्थ्य प्रमाण पत्र देकर भी योजना का लाभ लिया जा सकता है।
राजेश विजय, सहायक निदेशक, कृषि विस्तार भवानीमंडी

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