जर्जर होने के नहीं भिजवाए थे प्रस्ताव
रिपोर्ट में बताया कि विद्यालय के संस्था प्रधान की ओर से विद्यालय भवन के जीर्ण-शीर्ण होने या मरम्मत की जरूरत को लेकर कोई प्रस्ताव नहीं भिजवाए गए थे। विद्यालय के शिक्षकों की ओर से भी विद्यालय भवन की असुरक्षा के संबंध में कोई आशंका भी व्यत नहीं की गई थी।मरम्मत के नाम पर लीपापोती, दो साल में ही धराशायी स्कूल की छत
मनोहरथाना क्षेत्र के जिस पिपलोदी राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय की छत गिरी, उसका और भवन के प्लास्टर का काम दो वर्ष पहले ही किया गया था। एक लाख खर्च करने के बावजूद दो वर्ष बाद ही छत और दीवार धराशायी हो गई। पिपलोदी गांव मनपसर ग्राम पंचायत में आता है। जनप्रतिनिधियों की मांग पर राज्य सरकार की ओर से विद्यालय की छत की मर्मत और प्लास्टर के लिए 1 लाख रुपए ग्राम पंचायत को जारी किए गए।ये हैं जिम्मेदार
भगवती लोधा, तत्कालीन सरपंच, ग्राम पंचायत मनपसर (हालांकि महिला सरपंच का सारा काम उनके पति रामप्रसाद लोधा संभालता थे।) दौलत राम, तत्कालीन सचिव, ग्राम पंचायत मनपसर (पत्रिका संवाददाता ने तत्कालीन सरपंच, सरपंच पति और तत्कालीन सचिव को कई बार फोन किए, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।)जांच के बाद करेंगे कार्रवाई
यह सही है कि स्कूल में 2022-23 में मरम्मत का काम हुआ था। फिर भी भवन गिर गया, लेकिन भवन के जर्जर होने की सूचना नहीं दी गई। जर्जर क्यों घोषित नहीं किया, भवन गिरने के क्या कारण रहे, इसकी जांच करवाई जा रही है। पीछे पानी भर गया था, छत पर पेड़ उगे हुए थे, ऐसे कई कारण हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।अजय सिंह राठौड़, जिला कलक्टर, झालावाड़