वेरिफिकेशन और रिवैल्यूएशन में यह अंतर-
वेरिफिकेशन ऑफ माक्र्स की प्रक्रिया में यह जांचा जाता है कि कोई प्रश्न छूटा तो नहीं। अंकों का योग सही है या नहीं और अंक सही से अंकित हुए हैं या नहीं। वहीं रिवैल्यूएशन का तात्पर्य होता है कि उत्तर को दोबारा जांचना, जब विद्यार्थी मूल्यांकन से संतुष्ट न हो। इस प्रक्रिया में संबंधित उत्तरों को पुन: जांचा जाता है।
परीक्षा परिणाम जल्द आने की उम्मीद-
रिवैल्यूएशन प्रक्रिया की शुरुआत इस ओर भी संकेत करती है कि बोर्ड परीक्षा के परिणाम जल्द जारी हो सकते हैं। विशेष रूप से 12वीं विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों को फिजिक्स विषय के अंकों को लेकर काफी उत्सुकता है। इस वर्ष फिजिक्स का प्रश्न पत्र छात्रों के लिए कठिन साबित हुआ। जबकि विशेषज्ञों ने इसे नेशनल एजुकेशन पॉलिसी(एनइपी 2020) के अनुरूप स्तरीय बताया।
बदलाव किया-
अब सीबीएसइ बोर्ड ने कई बदलाव किए है। पहले 1000 हजार आंसर शीट का शुल्क लगता था, अब बोर्ड ये कर दिया है कि पहले आंसर शीट लेकर देख लो, फिर बच्चा संतुष्ठ हो जाता है, उसे रिटोटलिंग या रिचैकिंग करवानी है तो वो करवा सकता है। इससे ये फायदा होगा कि बच्चों को भी पहले आंसर शीट मिल जाएगी और बोर्ड पर भी अनाश्यक लोड कम होगा। उम्मीद है कि बोर्ड इसी सप्ताह बोर्ड कक्षाओं का परिणाम जारी कर दें।
वेद प्रकाश मीणा, प्राचार्य, केन्द्रीय विद्यालय, झालावाड़।