लक्ष्य के अनुरूप नहीं ले पाए सैंपल
जिले में उर्वरक के 293 सैंंपल लेने है, लेकिन अभी तक 51 ही लिए। वहीं बीज के 252 सैंपल लेने है, लेकिन अभी तक 15 ही लिए। इसी तरह पेस्टीसाइड के 98 नमूने लेकर इनकी समय पर जांच करनी है, जबकि अभी तक 5 ही सैंपल लिए गए है। समय पर सैंपल नहीं लेने का खामियाजा किसान को भुगतना पड़ता है। किसान खेतों में उर्वरक और बीज डाल देता है, उसके बाद जांच रिपोर्ट आती है, ऐसे में नकली का पता नहीं चलने पर किसानों को काफ ी नुकसान होता है।गत वर्ष भी खानपुर में कई किसानों को नकली कीटनाशक देने से पूरी फसल ही खराब हो गई थी। ऐसे में समय रहते जांच होना जरूरी है।
कच्चे बिल दे रहे
कई दुकानदार किसानों को हाथ से बने कच्चे बिल थमा रहे हैं या बिल दे ही नहीं रहे। इससे नकली माल के खिलाफ सबूत नहीं मिलता और किसान शिकायत नहीं कर पाते। कृषि विभाग द्वारा किसानों को पक्का बिल लेने की समझाइश की जा रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर निगरानी बेहद कमजोर है। जिले में कृषि क्षेत्र को देखते हुए यहां 25 से 30 निरीक्षकों की जरूरत है, लेकिन निरीक्षकों के कुल 13 पद स्वीकृत है, जिसमें 9 ही भरे हुए है। चार पद खाली चल रहे है।
जिले की दुकानें
बीज विक्रेताओं की दुकानें- 950 उर्वरक विक्रेता- 815 कीटनाशक विक्रेता- 875 शिकायत करें, कार्रवाई करेंगे-
” किसानों को सलाह दी जाती है कि वे केवल अनुज्ञापत्रधारी आदान विक्रेताओं से ही बीजए उर्वरक एवं कीटनाशक खरीदें और पक्का बिल अवश्य प्राप्त करें। यदि किसी दुकान पर बिना लाइसेंस, नकली या बिना बिल का माल बेचा जा रहा हो या किसी भी प्रकार की अनियमितता नजर आए तो इसकी शिकायत जिला कृषि विभाग के कंट्रोल रूम नंबर 07432-32232345 पर करें। गुण नियंत्रण अभियान के तहत कृषि निरीक्षक नियमित रूप से फ ील्ड में जाकर सैंपलिंग कार्य कर रहे हैं, ताकि नकली और मिलावटी उत्पादों पर समय रहते कार्रवाई की जा सके।
कैलाश चन्द मीणा, संयुक्त निदेशक कृषि विभाग झालावाड़